शाहजहाँपुर केरूगंज में चल रहा नकली सरसों तेल का गोरखधंधा


सानू सिंह चौहान कवरेज इंडिया शाहजहाँपुर
शाहजहांपुर। फूड विभाग की मिलीभगत से केरूगंज में नकली सरसों तेल का गोरखधंधा फल फूल रहा है। प्रदेश का निजाम बदलने के बाद भी सरसों का नकली तेल बनाने बालों के हौसले कम होने का नाम नही ले रहे है। केरूगंज नकली तेल बनाने का अड्डा बन गया है। केरूगंज स्थित एक गोदाम पर प्रतिदिन तड़के सुबह या देर रात को ट्रक के अंदर छिपाकर रखे टैंकर में पामऑयल आता है। जिसमें पिला रंग मिलाकर उसको सरसों का नकली तेल बनाकर बाजार में बेंचा जाता है। बाजार में पाम ऑयल तथा विंटर ऑयल की कीमत 40 रुपये से लेकर 50 रुपये प्रति लीटर है। जो सफेद रंग का होता है। जिसमें पिला रंग व सरसों तेल का फेलेवर डाल दिया जाता है। जो हूबहू सरसों का तेल बन जाता है। उसके बाद कारोबारी उसको सरसों का शुद्ध तेल बताकर 100 रुपये प्रति लीटर का मूल्य लेकर धड़ल्ले से बाजार में बेचते है। जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ. अनिल राज की माने तो इस पाम ऑयल में कोलस्ट्राल की मात्रा अधिक पाई जाती है। यह ऑयल ठंडक पाते ही जम जाता है। उसका इस्तेमाल करने से दिल का दौरा पड़ने,शरीर में सूजन,एलर्जी, पेट सम्बंधी तमाम बीमारियां लग जाती है। पाम ऑयल के इस्तेमाल से लीवर सम्बंधी बीमारी का डर बना रहता है। यह तेल सर्दी के मौसम में बहुत घातक बन जाता है। लेकिन नकली तेल के कारोबारियों ने ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे है। नकली सरसों तेल का गोरखधंधा शहर के विभिन्न स्थानों पर बेरोकटोक चल रहा है। अगर समय रहते प्रशासन ने इस पर रोकथाम नही लगाई तो आम जन मानस भयंकर बीमारियों की गिरफ्त में आ सकता है।

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