कवरेज इण्डिया न्यूज़ डेस्क।
प्रयागराज। 17 मई तक लागू तीसरे लॉकडाउन में सभी नियमित यात्री और उपनगरीय ट्रेनें पूरी तरह से स्थगित हैं और केवल राज्य सरकारों की पूर्व सहमति के साथ ही पूर्व निर्धारित स्टेशनों के मध्य, पूर्व चिन्हित प्रवासियों को
दिनांक गाड़ी सं कहां से कहां तक यात्रियों की संख्या
03.05.20 00953 साबरमती कानपुर 1205
03.05.20 00961 साबरमती आगरा कैंट 1196
04.05.20 09415 पालनपुर आगरा कैंट 1203
05.05.20 00985 गोधरा कानपुर 1220
06.05.20 09315 सूरत प्रयागराज जं 1240
06.05.20 09303 वीरमगाम प्रयागराज जं 1264
06.05.20 04606 लुधियाना प्रयागराज जं 750
06.05.20 09325 सूरत प्रयागराज जं 1200
कुल 08 ट्रेन 9278
प्रायगराज में कुल 04 ट्रेन 4454
आज दिनांक 06.05.20 को कुल 04 ट्रेनें - दो सूरत से और एक-एक वीरमगाम और लुधियाना से प्रयागराज जंक्शन पर आईं इनके माध्यम से आज उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के कुल 4454 व्यक्ति प्रयागराज पहुंचे। श्रमिक विशेष ट्रेनें दिनांक 01.05.20 से प्रारम्भ हुई हैं और किसी एक दिन में मात्र 08 घंटो में 04 आने वाली ट्रेनों को हैंडल करने वाला प्रयागराज भारतीय रेल का पहला स्टेशन बन गया है।
कुंभ मेला 2019 के लिए प्रयागराज जंक्शन की आधारभूत संरचना में उल्लेखनीय सुधार किया गया था जिसका उपयोग करते हुए और कुंभ-2019 के दौरान कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों के अनुभव के कारण ही प्रयागराज जंक्शन पर 04 टर्मिनेटिंग ट्रेनों की कुशल हैंडलिंग सहजता से करने में सफलता मिली।
कुंभ-2019 के लिए प्रयागराज जंक्शन स्टेशन के सिटी साइड में 3000 व्यक्तियों की क्षमता वाले चार बड़े यात्री आश्रयों का निर्माण किया गया था और आज प्रवासी यात्रियों की तुलनात्मक रूप से अपेक्षाकृत कम संख्या 600 व्यक्ति प्रति आश्रय तक ही इनका प्रयोग किया गया। इन यात्री आश्रयों में सामाजिक दूरी के मानकों का पालन करते हुए कोविड -19 से संबंधित सभी प्रोटोकॉल को पूरा करने के बाद उनको राज्य सरकार द्वारा निर्धारित रोडवेज बसों में उनके गृह जिलों के लिए रवाना किया गया । इस दौरान सभी 04 यात्री आश्रयों का आने वाले यात्रियों को संभालने के लिए प्रयोग किया गया तथा प्रति ट्रेन 02 आश्रयों का प्रयोग हुआ। कुम्भ के दौरान प्लेटफ़ॉर्म, कॉनकोर्स, सीसीटीवी आदि के संबंध में किए गए कार्य और विशेष रूप से सबसे बड़े मानव समागम को संभालने से प्राप्त अनुभव इस कार्य के संपादन में उल्लेखनीय रूप से लाभदायक रहा ।