कवरेज इण्डिया न्यूज डेस्क मुंबई।
महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को विधान परिषद को बताया कि राज्य में प्रतिबंधित पान मसाले और गुटखे की बिक्री को गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा।
सरकार ने कहा कि इस अपराध के लिए सजा को बढ़ाकर तीन साल की कैद कर दिया जाएगा। विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए आरोप लगाया कि राज्य में गुटखा बिक्री निरोधक कानून लागू हैं, इसके बावजूद पड़ोसी राज्यों से गुटखे की तस्करी की जा रही है।
तीन साल की होगी सजा :
एफडीए मंत्री गिरीश बापट ने कहा कि वर्तमान में प्रतिबंधित गुटखा की बिक्री करने वालों को अधिकतम छह महीने तक जेल की सजा का प्रावधान है। इस मामले को लेकर सरकार ने पुलिस महानिदेशक और कानून व न्यायपालिका विभाग के साथ चर्चा की। इसके चर्चा के बाद अब इस अपराध को गैर जमानती कर दिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने इसकी अनुमति दे दी है। गुटखा विरोधी कानून में संशोधन किए जाने के बाद दोषी पाए जाने वालों को तीन साल की जेल की सजा का सामना करना होगा।
भ्रष्ट अधिकारी करा रहे हैं तस्करी: राकांपा :
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता ने यह आरोप लगाया कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के भ्रष्ट अधिकारियों की मदद से यह तस्करी हो रही है। साथ ही उन्होंने इस मामले में अपराध जांच विभाग (सीआईडी) से जांच कराने की मांग की। एफडीए मंत्री बापट ने आश्वासन दिया है कि एफडीए का सतर्कता दल राज्य में गुटखा की अवैध बिक्री की जांच कर रहा है, अगर विपक्ष के नेता अब भी संतुष्ट नहीं है, तो सरकार मामले की सीआइडी जांच का आदेश भी देने को तैयार है। वहीं एफडीए के राज्य मंत्री येरावार मुंडे ने कहा कि गुटखे का उत्पादन उन राज्यों में हो रहा है, जहां यह प्रतिबंधित नहीं है।
कैंसर की चपेट महाराष्ट्र के युवा :
महाराष्ट्र एफडीए ने साल 2012-13 से अब तक 114।2 करोड़ रुपये की कीमत का गुटखा जब्त किया है। मुंडे ने कहा कि गुटखा और पान मसाला चबाने से कैंसर की चपेट में आने वाले युवाओं की सबसे ज्यादा संख्या महाराष्ट्र में है।
