रिपोर्टर- बाल गोविन्द वर्मा, सिरौलीगौसपुर, बाराबंकी।
घर के आंगन में फुदक कर अपनी सुरीली आवाज से सबका मन मोहने वाली गौरैया की प्रजाति धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है। परिंदा संवर्धन हेतु समाज के सभी वर्ग के लोगों को आगे आना चाहिए जिससे इस प्रजाति को बचाया जा सके।
यह बात कस्बा बदोसराय में गौरैया संवर्धन हेतु एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए भाकियू मंडल उपाध्यक्ष निसार मेहंदी ने कहीं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में धीरे-धीरे गर्मी बढ़ती जा रही है, जिससे पक्षियों के सामने भोजन व पेयजल की समस्या पैदा हो गई है। ऐसे में समाज के सभी बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों से यह अपील की जाती है कि गौरैया पर्यावरण संरक्षण हेतु उन्हें आगे आने के साथ-साथ लोगों को प्रेरित करना चाहिए कि वे अपने घरों की छतों पर छाया वाले स्थानों में व पेड़ों पर मिट्टी के बर्तनों में पानी भरकर रखें और अनाज के दानों को बिखेर दें।
आप सभी लोगों का यह प्रयास गौरैया पर्यावरण संरक्षण में मील का पत्थर साबित होगा। इसलिए इस पुनीत कार्य में समाज के सभी बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों को अपनी सहभागिता का निर्वहन करना चाहिए। श्री मेहंदी ने बताया कि वे मार्च 2017 से इस मिशन में लगातार लगे हैं। जिनके द्वारा सैकड़ों स्थानों पर मिट्टी के बर्तन टांगकर के उनमें जल व अन्न की व्यवस्था के साथ ही साथ घोसले लगाए गए हैं। 1000 घोसले लगाने का उन्होंने लक्ष्य रखा है।
इस मौके पर श्री मेहंदी ने पायनियर संवाददाता संतोष कुमार को गौरैया का घोंसला भेंटकर इस मिशन को आगे बढ़ाए जाने की अपील किया है।
इस अवसर पर राजेंद्र प्रसाद वर्मा, राम तीरथ यादव, कृपाशंकर विश्वकर्मा, विश्राम यादव, मोहम्मद इस्माइल, राधेश्याम रावत, रमाकांत यादव, राम मनोहर चौहान, विक्रम चौहान आदि लोग मौजूद रहे।

