गोरखपुर सीट जीतकर सपा ने रचा इतिहास, 29 सालों से था बीजेपी का कब्जा


लखनऊ ब्यूरो। उत्तर प्रदेश में फूलपुर और गोरखपुर संसदीय सीट पर बीजेपी की पराजय के बाद अब पार्टी में हार पर हाहाकार मचना शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पराजय पर मंथन करने की बात कही है।

गोरखपुर व फूलपुर उपचुनाव में भाजपा की हार पर प्रतिक्रिया देते हुए योगी ने कहा कि ये चुनाव परिणाम हमारे लिए एक सबक हैं। हम इसकी समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि उपचुनाव में स्थानीय मुद्दे हावी रहते हैं, जबकि आमचुनाव में राष्ट्रीय मुद्दों पर मतदान होता है। ऐसे में हम इस हार से सबक लेकर मंथन करेंगे।

उन्होंने सपा-बसपा गठबंधन को राजनीतिक सौदेबाजी करार दिया और कहा कि हम इस गठबंधन को नहीं समझ सके हैं। हमें इसके लिए एक रणनीति बनानी होगी। उन्होंने अतिआत्मविश्वास को भी हार का एक कारण बताया।

गोरखपुर सीट योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया था। इस सीट पर 29 सालो से बीजेपी का कब्ज़ा था। लेकिन उपचुनाव में बीजेपी सीएम योगी आदित्यनाथ का बूथ भी नहीं बचा सकी और जिस बूथ पर सीएम योगी ने मतदान किया था उस बूथ पर भी समाजवादी पार्टी उम्मीदवार ने बाज़ी मार ली।

गोरखपुर सीट योगी आदित्यनाथ के सांसद पद छोड़ने के बाद खाली हुई थी। 1989 से ही यह सीट गोरक्षपीठ और भाजपा के पास थी। ऐसे में समझा जा रहा था कि बीजेपी कम से कम अपने दुर्ग को तो बचा ले जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ और उसे समाजवादी पार्टी के हाथो शिकस्त का सामना करना पड़ा है।

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