अंसारी साहब! आपने तो कहा था 'वो डरे हुए हैं', और पत्थरों की बौछार से ढक दिया गया संघ का जुलूस


अजमेर। धर्मांधों ने एक बार फिर से सामुदायिक सौहार्द और शांति को बिगाडने का काम करते हुए शहर का वातावरण खराब किया है। जानकारी के अनुसार, राजस्थान के पाली जिले में शुक्रवार देर रात मुस्लिम समुदाय के कुछ युवकों ने आरएसएस के पथसंचलन के दौरान स्वयंसेवकों पर पथराव किया। आक्रमण के बाद हुए बवाल में एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल होने की भी जानकारी मिली है। जिसके बाद तनाव की स्थिती निर्माण हो गर्इ ।

आरएसएस कार्यकर्ताओं ने पुलिस से पथ संचलन पर पथराव करने वाले आरोपियों को गिरफ्तारी करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया, वहीं मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कर्इ गाडियों की तोडफोड की। मामले को और बिगडता देख पुलिस ने लाठियां भांजना शुरू कर दिया। उसके बाद कुछ धर्मांध युवकों ने पुलिस पर भी पथराव कर दिया । जिससे दो पुलिसकर्मी चोटिल हो गए ।

जिला पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव ने बताया कि पथराव करने वालों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। लोगों को शांत रहने के लिए कहा गया है लेकिन इस घटना ने एक बार सोचने पर मजबूर जरूर कर दिया है कि क्या हामिद अंसारी की बात पर भरोसा किया जा सकता है डरने और डराने वाली ? फिलहाल इस मामले में पुलिस ने अपनी कार्यवाही शुरू कर दी है लेकिन इलाके में तनाव है .

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