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| महाप्रबंधक एम सी चौहान |
कवरेज इण्डिया न्यूज डेस्क इलाहाबाद।
सामान्यत: माललदान, आय और समयपालनता मे सुधार के लिये चर्चा मे रहने वाली उत्तर मध्य रेलवे ने वर्ष 2017 के अंत मे अपनी सूची मे एक नई उपलब्धि हासिल की जोकि, भविष्य मे कम कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन एवं बेहतर पर्यावरण की आकांक्षा रखने वाली अगली पीढ़ी के लिये शुभ सूचना है। उत्तर मध्य रेलवे सूबेदारगंज इलाहाबाद स्थित अपने महाप्रबंधक कार्यालय, मंडल रेल प्रबंधक कार्यालयों, अन्य कार्यालयों एवं स्टेशन भवन आदि पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने का कार्य किया जा रहा है। महाप्रबंधक एम सी चौहान के मार्गनिर्देशन मे उत्तर मध्य रेलवे मे 31 दिसंबर, 2017 तक कुल 4.92 मेगावॉट क्षमता के सोलर प्लांट स्थापित किये जा चुके हैं। इसमे से 3.80 मेगावॉट क्षमता के संयंत्र नव स्वीकृत 10 मेगावॉट का हिस्सा है। नव वर्ष मे उत्तर मध्य रेलवे की क्षमता को 11.12 मेगावॉट किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे श्री एम सी चौहान ने इस उपलब्धि एवं भविष्य की योजनाओंका उल्लेख करते हुये कहा कि, “ हमारे कार्यालय भवनों एवं अन्य भवनों की छतें सौर ऊर्जा उत्पादन के लिये प्रचुर संभावना प्रदान करती हैं। सूर्य की किरणों से धरती पर प्रति वर्ग मीटर 1000 वॉट प्राप्त होती है जिसे ऊर्जा हेतु प्रयोग किया जा सकता है और हम इस क्षमता का लाभ उठा सकते हैं।
एक मेगावॉट सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता का अर्थ है औसत 3700 यूनिट बिजली का प्रतिदिन उत्पादन, अत: उत्तर मध्य रेलवे द्वारा प्रतिदिन अपनी स्थापित क्षमता के अनुसार 18204 यूनिट हरित विद्युत ऊर्जा का उत्पादनकिया जा रहा है । इसको वर्ष के 365 दिन के अनुरूप आंकलन करने पर कुल छांछट लाख चवालीस हजार चार सौ साठ (66, 44,460) यूनिट प्रतिवर्ष का एक बड़ा अंक प्राप्त होता है और इससे रु 7.96 प्रतियूनिट की दर से रु 5,28,89,901/- की प्रतिवर्ष की बचत होगी।
कुल 11.12 मेगावाट की स्थापित क्षमता तक पहुंचने के बाद प्रतिवर्ष एक करोड़ पचास लाख सत्रह हजार पांच सौ साठ (1,50,17,560) यूनिट हरित ऊर्जा का उत्पादन अर्थात रु 11,95,39,777/- की प्रतिवर्ष बचत होगी। इसका सकारात्मक पर्यावरणीय प्रभाव इसी बात से समझा जा सकता है कि इससे कोयला जो ऊर्जा का मूल स्रोत है उसकी बचत होती है। एक यूनिट ऊर्जा के उत्पादन के लिये 650 ग्राम कोयले की आवश्यकता होती है। अत: कुल 11.12 मेगावाट की स्थापित क्षमता के साथ 1,50,17,560 यूनिट हरित ऊर्जा के उत्पादन से प्रतिवर्ष लगभग 9000 टन कोयले की बचत होगी। इसी क्रम मे 11.12 मेगावाट क्षमता के प्लांट की स्थापना से कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन मे कमी एवं कार्बन क्रेडिट के संबंध मे 8646.912 टन कार्बन क्रेडिट अर्जित होगा। इस प्रकार से प्रतिवर्ष की यह बचत प्रकृति मे आवर्ती होती है जिससे वर्ष दर वर्ष जुड़ते हुये पर्यावरणीय लाभ बढ़ते जायेंगे और भविष्य की पीढ़ियो के लिये फायदेमंद होंगे।
