सानू सिंह चौहान कवरेज इंडिया।
बदायूँ - घोटाले और भ्रष्टाचार की जब बात आती है तब अधिकारी और जनप्रतिनिधि एक दूसरे की मदद के लिए सबसे पहले अपना कदम बढाते है जनपद बदायूँ में घोटाले / भ्रष्टाचार जमकर हुए थे और हो भी रहे है उन्ही में से एक घोटाला गोविंद बल्लभ पंत महाविद्यालय, कछला विश्वविद्यालय बरेली का है जी है घोटाला वर्ष 2012/13 का है उस समय यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नई दिल्ली से स्मार्ट क्लास के लिए बहुत बड़ी रकम जीवीपंत महाविद्यालय कछला को आई थी उस समय इस महाविद्यालय के प्राचार्य डा0 अनुरूध्द सिंह यादव थे जो वर्तमान में लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष है घोटाले के मास्टर माइंड कौन है जी हा कालेज की समिति या प्राचार्य ये साफ होगा जब किसी ईमानदार कमेटी की जांच-पड़ताल से जब हमने वर्ष 2015-16 में कछला डिग्री कालेज की व्यवस्था देखी तब पता चला कि यहा पर यूजीसी से प्राप्त अनुदान का विधार्थी ओ को फायदेमंद साबित नही हुई है क्योंकि जो धन राशि स्मार्ट क्लास, कम्प्यूटरकृति कक्षाओ के लिए आई थी वो आज तक स्मार्ट क्लास नही लगाई गई कालेज समिति हो या प्राचार्य दोनो ही कही ना कही घोटाले की जननी है क्योंकि जब यूजीसी से राशि कालेज को प्राप्त हुई थी वर्ष 2012/13 में तब एक क्रय समिति बनी होगी उसी क्रय समिति की सहमति से उपकरणों का क्रय किया गया होगा पर यहा पर ऐसा नही हुआ है विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तत्कालीन प्राचार्य डा अनुरूध्द सिंह यादव ने विना क्रय समिति की सहमति से फर्जी तरीके से घटिया सामग्री का क्रय करके फर्जी बिल बाउचर तैयार करा लिए थे अगर घोटाला नही था कोई फर्जीवाड़ा नही था तो वर्ष 201-13 से आज तक स्मार्ट क्लास चालू क्यों नही हुई घोटाला नही था तो हमारी शिकायतों पर कोई जांच कमेटी कछला महाविद्यालय की जांच करने क्यों नही आई आज तक शिकायते दिनांक 08-04-017 दिन शनिवार दोपहर 01:17 मिनट पर यूपी सीएम की ईमेल आईडी पर प्रथम शिकायत दर्ज करवाई शिकायत की जांच बरेली तक पहुंची ऐसा ज्ञात हुआ पर कुछ नही हुआ कछला कालेज में दूसरी शिकायत 29 जुलाई के लगभग की वही यूपी सरकार के पीएनटी नंबरों पर भी जानकारी ली शिकायत की पर को संतोषजनक जवाब नही दिया इसके बाद इसी घोटाले की जांच की शिकायत भारत के राष्ट्रपतिजी , प्रधानमंत्री जी, ग्रह मंत्री जी, यूपी मुख्यमंत्री जी , प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश को दिनांक 26-10-2017 को भारतीय डाक रजिस्ट्री के मध्यम से शिकायत की पर आज तक कोई कमेटी या जांच की सूई जीवीपंत कछला महाविद्यालय की ओर नही आ सकी आखिर क्यों लाचार है केन्द्र और राज्य सरकारे क्या भ्रष्टाचार औरघोटाला करने वाला लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष डा अनुरूध्द सिंह यादव इतना ताकतवर है जो भारत के राष्ट्रपतिजी, प्रधानमंतरी भी कुछ नही कर पा रहे है या उनके अधिनिशत कर्मचारी भ्रष्टाचार और घोटालेबाजो को भरपूर सहयोग कर रहे है एक ओर जहा भ्रष्टाचार और घोटालेबाजो को जड़ से खत्म करना चाहते है मोदी जी और योगी जी वही भ्रष्टाचार और घोटालेबाजो को उन्ही के अधिकार और कर्मचारी पूरा सहयोग प्रदान कर रहे है यूपी सरकार की तरफ से खानापूर्ति करते हुए एक मैसेज भेजा कि संदर्भ संख्या 16149170445317 का निस्तारण कर दिया गया है जब देखा की उच्च शिक्षा इलाहाबाद को संदर्भित करा दिया है मामला पर गोविंद बल्लभ पंत महाविद्यालय कछला पर कोई जांच कमेटी नही आई आज तक।
कौन है-- डा अनुरूध्द सिंह यादव
जन्मतिथि- 02-07-1957
शैक्षिक योग्यता - एम ए , सैन्य अध्ययन, राजनीति विज्ञान - गोल्ड मेडलिस्ट ,आगरा विश्वविद्यालय, एल एल बी - इलाहाबाद विश्वविद्यालय, पी एच डी - आगरा विश्वविद्यालय
कछला कालेज में तैनाती से पहले डा यादव - अतर्रा कालेज बांदा में प्रवक्ता के पद पर वर्ष 1984 से 1986 तक और एके कालेज शिकोहाबाद में रीडर एवं अध्यक्ष के पद पर वर्ष 01-10- 088 से 16-04- 2002 तक सेवा दे चुके है दिनांक - 17-04- 2002 को जीवीपंत कछला महाविद्यालय के प्राचार्य नियुक्त किए गए यहा रहते हुए विश्वविद्यालय बरेली की कई महत्वपूर्ण समितियों के सदस्य और विशेषज्ञ सदस्य भी रहे थे ।
बात जब घोटाले की है तो जांच होनी चाहिए पर ऐसा नही किया जा रहा है हा इन शिकायतों से इतना जरूर हो गया है कि जीवीपंत में स्मार्ट क्लास की तैयारी जोर-शोर से चल रही है अगर घोटाला नही था तो अब स्मार्ट क्लास की तैयारी इतनी तेजी से क्यों अगर घोटाला नही था तो शिकायत को दबाने का काम क्यों किया राज्य और केंद्र सरकारी मशीनरी ने वही राष्ट्रपति जी के यहा से कोई कार्यवाही शुरू नही हुई इतना ही नही हमारी आरटीआई दिनांक - 10-11-017 को भी दबा लिया है वर्तमान प्राचार्य जीवीपंत कछला ने कई सवाल है पर उनका केंद्र और राज्य सरकार पर जवाब नही है कया इस घोटाले से बचना चाहती है वर्तमान सरकारें पूर्व हिन्दुत्ववादी नेता को या यादव वोट बैंक की ओर इशारा कर रहे । कुछ भी हो पर हमें आज भी न्याय की उम्मीद है हा अगर आज कोई भी जीवीपंत महाविद्यालय का निरिक्षण करे उसे दूध का दूध और पानी का पानी साफ दिखाई देगा वही सवाल की धनराशि वर्ष 2012-13 में आई तो स्मार्ट क्लास की तैयारी हमारी शिकायत के बाद क्यों वो भी अब
गोविंद सिंह राणा।