कवरेज इण्डिया न्यूज डेस्क इलाहाबाद।
इलाहाबाद जिले के यमुनापार इलाके में पुलिस की मिलीभगत से एक परमिट पर दर्जनों घाट बेधड़क चल रहे है।साथ बारा इलाके में अवैध सिलिका भी पुलिस की ही सरपरस्ती में चल रहा है जोकि आज शासन का सर सर्द बना हुआ है।
जिले के कई थाने ऐसे है जहाँ थानेदार नियुक्त होने के लिए बोली लगाई जाती है। लालापुर, घूरपुर,शंकरगढ़, नैनी और करेली ये ऐसे थाने है जिनकी वजह से आप सरकार का करोडो का राजस्व का नुकसान हो रहा है।
लालापुर में पंडुआ और प्रतापपुर में एक ही परमिट है इसकी आड़ में इलाकाई पुलिस की मदद से दर्जनों घाट बदस्तूर चल रहे है।इसकी भनक खनन विभाग को पता ही नही चल पाता अगर चल गया और विभाग की जांच टीम को पहुँचने से पहले काम बंद करवा दिया जाता है।इसी कड़ी इ नौडिया तरहार में एक ही परमिट है उसी की आड़ में दर्जनों घाट चल रहे है।इलाकाई पुलिस को चारों तरफ से लक्ष्मी जी का आर्शीवाद प्राप्त हो जाता है।पुलिस को घाट के संचालक के अलावा ट्रक जो लोड होती है और लोड ट्रेक्टर से भी अच्छा खासा प्राप्त होता है।जो ट्रक या ट्रेक्टर देने का असमर्थता जाहिर किया तो उसकी गाड़ी सीज जर दी जाती है।इस काम के लिए लालापुर और घूरपुर थानों की तीन सिपाही सादे वर्दी में नियुक्त रहते हैं।उनका सिर्फ वसूली ही मेन ड्यूटी है दूसरे कार्यो से कोई मतलब नही होता।
घूरपुर थाने का ये तो ये हाल है तीन जगह पुलिस की वसूली चलती है । भीठा, इरादतगंज, बसवार ये तीनो जगह जा भरकर वसूली की जाती है।भीठा में सादे वर्दी में दो सिपाही 24 घण्टे की ड्यूटी रहती है। लगभग 20 दिन में एक जोड़े का टर्न आता है। 24 घण्टे में जो भी वसूली हुई उसमे 30 हजार रुपए थानेदार का होता है जो बाकि बचा वो दोनों सिपाही आपस में बाँट लेते है।
यही हाल लालापुर और शंकरगढ़ थाने का है अंतर ये है शंकरगढ़ थाना क्षेत्र में नदी में खनन नही है बल्कि सिलिका सैंड का खनन है इसमें में राज लाखो का वारान्यारा होता है।
खनन विभाग को कानो कान खबर भी नही हो पाती लेकिन खनन विभाग भी पीछे नही है खनन विभाग की कमाई बैरियर से ओवर लोड और बगैर रवन्ने से पास होने वाली गाड़ियों से है।
