रिपोर्टर- बाल गोविन्द वर्मा। सिरौलीगौसपुर, बाराबंकी।
उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग का एक और कारनामा प्रकाश में आया है। बाराबंकी का एक ऐसा कॉलेज जिसने विश्वविद्यालय से सांठगांठ करके न सिर्फ़ सम्बद्धता प्राप्त कर ली बल्कि जिला विद्यालय निरीक्षक व बच्चों की आँखों में धूल झोंकते हुए छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है।
बतातें चलें कि जनपद बाराबंकी के ग्राम भवानीदीन पुरवा (चोरही)-उधौली में बाबू राम मनोहर वर्मा इंटर कॉलेज स्थापित है, जिसको विगत वर्ष इंटर की मान्यता प्राप्त हुई है।जिस भूमि पर यह कालेज है ,उसकी कुछ भूमि ग्राम समाज की है जिस पर कालेज द्वारा अनधिकृत रूप से कब्जा है,और इसके लिए पन्द्रासी का मुकदमा भी पंजीकृत है ।
कॉलेज प्रबंधन द्वारा डिग्री कॉलेज के लिए बिना कोई बिल्डिंग बनाये ही इंटर कॉलेज की बिल्डिंग को ही सम्बद्धता प्राप्त करने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय द्वारा निरीक्षण करने आयी पैनल टीम को दिखाया गया और किसी भी तरह की जहमत न उठाते हुए विश्वविद्यालय टीम ने भी सिर्फ़ औपचारिकता पूरी कर कॉलेज प्रबंधन को डिग्री कॉलेज की सम्बद्धता भी दे दी। जबकि कॉलेज प्रबंधन द्वारा कॉलेज गेट व रोड़ पर लगाया गया बोर्ड जिस पर कॉलेज का नाम लिखा गया था, उसको मिटा दिया गया, क्योंकि कॉलेज प्रबंधन को कारनामा जो करना था।
अब हालात यह हैं कि अभी तक डिग्री कॉलेज की बिल्डिंग भी बनकर तैयार नही हुई है और विश्वविद्यालय द्वारा बिना बिल्डिंग व कोई भी मानक देखे मान्यता भी दे दी गयी। यह भी विश्ववविद्यालय की धृतराष्ट्र वादी परंपरा ही है, जो एक ही बिल्डिंग में बाबू राम मनोहर वर्मा इंटर कॉलेज व राम दुलारी वर्मा महिला महाविद्यालय चलाने की अनुमति प्रदान करती है। शैक्षिक सत्र 2017-18 में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं को यह भी पता नही कि कक्षा 6 से इंटर तक के छात्र-छात्राओं को कहाँ बैठना है और बी०ए० में प्रवेश लेने वाली बालिकाओं को कहाँ बैठना है।अब सबसे महत्वपूर्ण विषय यह है कि जब महाविद्यालय की कोई बिल्डिंग ही नही है तो बी०ए० के बच्चे बैठेगें कहाँ और उन्हें टीचर ( जो सिर्फ कागजों पर ही हैं ) पढायेंगे कहाँ ?



