इलाहाबाद - हिंदी दिवस के अवसर पर सांस्कृतिक संस्था यूथ इथिकल एंड कल्चरल एसोसिएशन (एका) की तरफ से कॉफ़ी हाउस पर विषय "हिन्दी है मेरी जान" पर परिचर्चा की गई। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में पटकथा लेखक एवं फ़िल्म निर्देशक अजित कुमार दुबे ने कहा कि हिन्दी हमारी माता है।माता को हम साल में एक बार याद करेंगे तो माँ को तकलीफ होगी,माँ तो आंखों में होती है,जिसकी वजह से हम देखते है।वही रंगकर्मी पंकज गौड़ ने कहा कि आदि काल से लेकर आधुनिक काल तक हम हिन्दी में इतने समृद्ध है ,उसके बाद भी हम हिन्दी को अपनी जान न बना कर अंग्रेजी को अपनी जान बनाये बैठे है,जो हमारे लिए भयावह है।अभिनेता नरेन रामपाल ने कहा कि हिंदी हमारी जान,जो देश की पहचान।वही मनीष कपूर ने हिंदी पर ज़ोर देते हुए हिन्दी उत्थान पर जोरदार कविता पढ़ी ।तालिया खूब बजी। रंगकर्मी अजय मुखर्जी ने चिंता जाहिर किये। वो बोले अपनी मातृभषा में ही देश की इज़्ज़त है।चीन का उदाहरण बताते हुए बोले कि वो अपनी भाषा मे ही सारा काम करते है।कितने समृद्ध हुई है उनकी भाषा।हमे भी अपनी हर काम अपनी मातृभषा में ही करना चाहिए।चर्चा -परिचर्चा में कई लोगो लोगों ने बढचलकर भाग लिया।
अनिल कुमार,तलत महमूद, राहुल पांडेय, देवेंद्र राय लकी,आशुतोष डब्लू,रेहान खान,अहमद सैफ,ताहिर अहमद ,अमोद कुमार आदि लोग परिचर्चा में शामिल हुए।अंत मे धन्यवाद ज्ञापित करते हुए संस्था के सचिव इमरान खान पामेला ने मैथिली शरण गुप्त जी की कविता सुनाकर हिंदी को प्रत्येक काम मे शामिल करने की बात की।
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