कवरेज इण्डिया इलाहाबाद। एक फर्जी पत्रकार हैं कुमार सौवीर। न्यूज पोर्टल चलाते हैं।फर्जी इसलिये कह रहा रहा हूँ।कि किसी के सम्बंध मे समाचार लिखने के पहिले के पहिले उससे बात किया जाता है। वर्जन लिया जाता है। लगभग सभी चैनलोंऔर अखबारों ने मुझसे वार्ता की । केवल अखाडा परिषद नही मेरा भी पक्ष अपने चैनलों मे रखा ।और मै आभारी हूँ भारत की प्रिंटमीडिया और इलेक्ट्रानिक मीडिया का कि भारत की मीडिया भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और जीवन मूल्यों की रक्षा मे अग्रणी है। लेकिन कुमार सौवीर जैसे फर्जी पत्रकार पत्रकारिता को कलंकित करने का प्रयास कर रहे हैं। ये महोदय मुझे जानते भी नही कि मै कौन हूँ?कँहा रहता हूँ।और मेरा नाम मालामाल बाबाओं मे अग्रगण्य लिखा है इन महोदय ने अपने पोर्टल मे। यदि ये महोदय मुझसे मिलते मेरे निवास स्थान को देखते तो इनको पता चलता कि मेरा जीवन एक तपस्वी का है और संघर्षमय है।मेरा निवास स्थल वातानुकूलित नही है। एक ऋषि की कुटी की भाँति हैं।और इन महोदय को मै मालामाल बाबाओं मे अग्रगण्य लगता हूँ।मेरा किसी बैंक मे एकाउंट तक नही है।
।महंत नरेंद्र गिरि के पेड पत्रकार कुमार सौवीर पहिले पत्रकारिता सीख लो तब पत्रकारिता करो ।पीत पत्रकारिता से आप समाज को अधिक समय गुमराह नही कर सकते ।मेरी लडाई भ्रष्ट अखाडा परिषद से है तो समाज को गुमराह मत करो ।हो सकता है अखाडों के महंतों से तुम्हे चाँदी के चंद सिक्के मिल जाँये।पर समय और इतिहास तुम्हे माफ नही करेगा ।अगर तुम्हे व्यापार ही करना है तो कोई और व्यापार कर लो ।लेकिन पत्रकारिता को कलंकित मत करो। अरे भाई कुमार सौवीर दुनिया के किसी भी बैंक मे मेरा खाता दिखाओ और उसमे कुछ हजार की जमा रकम दिखाओ तब मुझे मालामाल बाबाओं मे अग्रगण्य लिखो । मैने आज तक पूँजी के संचय मे भरोसा नही किया ।धर्म के नाम पर ढोंग कर न तो पैसा कमाया और न ही मैने दलाली कर पैसा कमाया ।कुमार सौवीर साहब आप कहते हो मैने तथाकथित अखाडा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि की सराहना की ।महंत नरेंद्र गिरि का तो कहना ही यही है कि आचार्य कुश मुनि अखाडों के खिलाफ लिखते रहते हैं इसलिये उनको फर्जी संतों की सूची मे डाला ।लगता है ये आरोप लगाने से पहिले आप ने नरेंद्र गिरि से नही पूँछा था ।
कुमार सौवीर साहब स्वस्थ पत्रकारिता करो।पीत पत्रकारिता छोंड दो ।
आचार्य कुश मुनि स्वरूप की फेसबुक वाल से
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