इलाहाबाद - सांस्कृतिक मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से गिरीश कर्नाड द्वारा लिखित बहुचर्चित नाटक 'ययाति' का मंचन मंगलवार की शाम उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र इलाहाबाद के प्रेक्षागृह में 'युवा रंगकर्मी व निर्देशक असगर अली' के कुशल निर्देशन में किया गया। कलाकारों ने अपने अभिनय कौशल से सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया । नाटक का मार्गदर्शन डॉ विधु खरे दास ने किया।
नाटक में दिखाया गया है कि किस तरह से रिश्तों के बीच स्वार्थ आ जा रहा है। मनुष्य की इच्छाओं -अकांक्षाओं और समय के बीच रस्साकशी हो रही है, जहां मानवीय रिश्तों का कोई महत्व नही रह गया है। पौराणिक कथाभूमि के माध्यम से समय के द्वंद को उज़ागर किया गया है।
ययाति, असुर कन्या शर्मिष्ठा,देवयानी, चित्रलेखा एवं पुरु यह सब एक प्रतीकात्मक रूप है अगर हम इसे वर्तमान की नज़र से देखे तो आज का जो उत्तरआधुनिक समय है, आज भी यही हो रहा है, आकांक्षाओं और समय के बीच एक युद्ध से चल रहा है, समय फिसल रहा है। लेकिन लोग कम समय मे सब कुछ पा लेना चाहते है, जो कि पौराणिक काल से चला आ रहा है। वर्तमान समय मे यही हो रहा है। इंसानियत
और भावनाओं महत्व खत्म होता जा रहा है, नाटक में कुछ प्रयोग करते हुए इसे वर्तमान समय से भी जोड़ने का प्रयास किया गया है।
'मंच पर' वरुण कुमार, मधु प्रियदर्शनिय, अकांक्षा वर्मा, मोनिका सिंह, आकृत अनि, पूजा शर्मा, रोशनी मौर्या, अभिषेक मिश्रा, प्रदीप कुमार, गंगेश्वर तिवार'मंच पर'अंकित सिंह यादव, मदन मोहन, संयुक्ता के रॉय, संजीत कुमार, अमन रावत, माधवी निराला, प्रमोद श्रीवास्तव, सुजॉय घोषाल, अमित कोटार्य ,इमरान खान पामेला आदि रहे।



