कवरेज इण्डिया की खबर का असर: डीएफओ मनोज खरे पर चला सीएम योगी का चाबुक


ब्युरो रिपोर्ट कवरेज इण्डिया इलाहाबाद।
सालों से इलाहाबाद वन विभाग को लूट रहे डीएफओ मनोज खरे पर आखिरकार सीएम योगी का चाबुक चल ही गया। जी हां, प्रभागीय निदेशक मनोज खरे को प्रधान मुख्य वन संरक्षक लखनऊ के कार्यालय में प्रतीक्षारत रखा गया है।किन्तु सूत्रों की माने तो इनके ऊपर कार्यवाही के लिए  मोटी फ़ाइल तैयार हो रही है बस थोड़ा समय और लगेगा।

बता दें कि सपा शासन काल में विगत 4 वर्षों से एक IFS अधिकारी के स्थान पर तैनात एक PFS अधिकारी, प्रयाग की पावन भूमि पर इलाहाबाद वन प्रभाग के DFO, भ्रस्टाचार प्रमुख मनोज कुमार खरे जो राजकीय (वानिकी) कार्यो के विरुद्ध अपनी मंसा के अनुरूप निजी कार्यो का अंजाम देने,एक ही स्थान पर कर्मचारियों को सालों साल रख कर अवैध वसूली कराना और बाद कर्मचारियों को ब्लैक मेल कर उनका आर्थिक शोषण किया जा रहा था।

     रेंजरों से सांठगांठ कर विना सेक्शन प्रभारी से कार्य प्रमाणित कराये सीधे फर्जी बिल बाउचर चार्ज कर लिया जाता था।जो कर्मचारी फर्जी बिल- बाउचर पर हस्ताक्षर नही करते उनके खिलाफ कार्यवाही करना, वेतन रोकना, CR खराब करना आदि इनकी प्रमुख हाबी थी। सूत्र बता ते हैं कि इन 4 वर्षों में में इनके द्वारा लगभग एक अरब रूपये की कमाई की गई है। इनके द्वारा हरित पट्टी, कैम्प, मनरेगा, एक दिन में 5 करोड़ पौधरोपण, मिंटपार्क का विस्तार, ब्लैक बक संरक्षण और अन्य विभागीय कार्यो में घोटाला किया गया है। इनके कारनामों को 'कवरेज इण्डिया' ने एक अभियान चलाकर कदम कदम पर प्रमुखता से स्थान देता रहा है।

जाते-जाते श्री खरे द्वारा मा0 उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य व तमाम सांसद और विधायक की उपस्थिति में प्रभाग में  दिनांक 5 जुलाई को वन महोत्सव मनाया गया औऱ 44 लाख हाईटेंशन विजली के तार के नीचे पीपल, पकड़, मौलश्री तथा टैपिगुनिया जैसे पौधों का रोपण करा कर अपनी योग्यता और कार्यपद्धति का मिसाल छोड़ गए।

बता दें कि श्रीमती दिव्या को प्रभागीय निदेशक इलाहाबाद के रूप में चार्ज ग्रहण के बाद जहाँ कर्मचारी राहत की उम्मीद लगाए हुए है वही तेलू कर्मचारी व बाबुओ में मातम पसरा है।

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