
नई दिल्ली, ब्लैकमनी पर पूरी तरह लगाम लगाने के लिए सरकार ने नकद लेनदेन की सीमा को तीन लाख से घटाकर दो लाख रुपये करने का प्रस्ताव सदन में रखा है। सरकार ने आज वित्त विधेयक में करीब 40 संशोधन पेश किये हैं। आपको बता दें कि इससे पहले सरकार ने बजट सत्र के दौरान कैश में ज्यादा से ज्यादा 3 लाख रुपये की लिमिट रखी थी। अगर इससे बड़ी रकम का नकद लेनदेन की जाती है तो सरकार 1 अप्रैल 2017 से उसपर पेनाल्टी लगाएगी।
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने इसकी पुष्टि की है और कहा है कि अगर कोई इससे ऊपर खर्च करता है तो उसी के बारबर राशि का जुर्माना देना होगा। लेन देन की इस लिमिट में बदलाव वित्त विधेयक में संशोधन करके किया जाएगा। इस बिल पर संसद में अभी चर्चा की जाएगी।
लोकसभा में वित्त विधेयक पर चर्चा के दौरान तृणमूल कांग्रेस और आरएसपी जैसे दलों ने वित्त विधेयक के साथ 40 कानूनों में संशोधनों को पेश करने का विरोध किया और इसे पिछले दरवाजे से की गई कवायद होने का आरोप लगाया।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने विपक्षी दलों की आपत्तियों को खारिज करते हुए व्यवस्था दी कि संशोधनों से संबंधित आकस्मिक प्रावधानों को धन विधेयक के रूप में वित्त विधेयक का हिस्सा माना जा सकता है।
टैक्स विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि यह कानून इसलिए सख्त कियाज जा रहा है ताकि नकद लेन देने को रोक जा सके।
क्या था पुराना विधेयक
- 3 लाख रुपए से ज्यादा के लेनदेन पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
- अगर आप कैश में 4 लाख रुपए का लेनदेन करते हैं तो पेनाल्टी 4 लाख रुपए लगेगी और अगर आप 50 लाख रुपए का नकद लेनदेन करते हैं तो पेनाल्टी 50 लाख रुपए होगी।
- अगर आप कैश में 4 लाख रुपए का लेनदेन करते हैं तो पेनाल्टी 4 लाख रुपए लगेगी और अगर आप 50 लाख रुपए का नकद लेनदेन करते हैं तो पेनाल्टी 50 लाख रुपए होगी।
- अगर किसी ने कैश में महंगी घड़ी खरीदी तो कैश लेने वाले दुकानदार पर पेनाल्टी लगाई जाएगी।
- फाइनेंस बिल के प्रावधानों के मुताबिक, सेक्शन 269 एसएस के तहत 3 लाख रुपए से ज्यादा के कैश ट्रांजैक्शन को रोकने के लिए तीन तरह की शर्तें लगाई गई हैं।
- कोई भी व्यक्ति एक दिन में तीन लाख से ज्यादा का कैश ट्राजैक्शन नहीं कर सकता।
- लोग एक ट्रांजैक्शन करें या सात, लेकिन उसकी लिमिट 3 लाख से ज्यादा नहीं हो सकती है।
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