
नई दिल्ली, अयोध्या विवाद में सीएम आदित्यनाथ योगी ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी। संसद भवन के बाहर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने जो कहा है उसका हम स्वागत करते हैं। दोनों पक्षों को एक साथ बैठना चाहिए और इसका समाधान निकालना चाहिए।'
इससे पहले उन्होंने उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार मंगलवार को लोकसभा में भाषण दिया।आदित्यनाथ योगी ने कहा कि उनकी सरकार सबका साथ, सबका विकास की प्रेरणा के साथ हर जाति, वर्ग, समुदाय और प्रत्येक क्षेत्र के विकास के लिए काम करेगी और प्रदेश के विकास का नया ढांचा खड़ा करेगी।
मुख्यमंत्री बनने के बाद वित्त विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेने आए गोरखपुर से बीजेपी सांसद आदित्यनाथ योगी ने कहा कि वर्ष 2014 के चुनाव के दौरान तमाम तरह की बातें कहीं जा रही थी जब मोदीजी लोगों के पास जा रहे थे और जब देश एवं अर्थव्यवस्था के समक्ष उत्पन्न विकट परिस्थितियों में उन्होंने प्रधानमंत्री पद का दायित्व संभाला था। लेकिन सभी को साथ लेकर चलते हुए प्रधानमंत्री ने जिस तरह से अर्थव्यवस्था और देश के विकास को गति प्रदान करने का काम किया, वह दुनिया के समक्ष आदर्श है।
उन्होंने कहा कि मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम उत्तरप्रदेश को मोदी के सपनों का प्रदेश बनायेंगे। हम उत्तरप्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त, दंगों से मुक्त, गुंडागर्दी से मुक्त प्रदेश बनायेंगे और विकास का ऐसा मॉडल खड़ा करेंगे जिससे युवाओं को पलायन नहीं करना पड़े और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास की प्रेरणा के साथ हर जाति, वर्ग और समुदाय तथा प्रत्येक क्षेत्र के लिए काम करेगी और प्रदेश के विकास का नया ढांचा खड़ा करेगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि गोरखपुर का सांसद चुने जाने के बाद पिछले डेढ़़ दो दशकों के दौरान वहां गुंडागर्दी की एक भी घटना नहीं हुई, व्यापारियों को गुंडा टैक्स नहीं देना पड़ा, अपहरण नहीं हुए, एक भी दंगा नहीं हुआ। हम पूरे उत्तरप्रदेश में ऐसी ही स्थिति बनायेंगे।
उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में उत्तर प्रदेश में 300 से ज्यादा दंगे हुए लेकिन हमनें पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक भी दंगा नहीं होने दिया। उन्होंने कहा अब ऐसी ही व्यवस्था पूरे प्रदेश के लिए की जाएगी।आदित्यनाथ ने यूपी की पूर्व सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली यूपी सरकारों ने केंद्र सरकार के द्वारा दिए गए फंड का पूरी तरह से उपयोग नहीं किया। उत्तर प्रदेश को केंद्र सरकार ने पिछले दो सालों में 2.5 लाख करोड़ रुपए दिए, लेकिन मात्र 78 हजार करोड़ ही रुपए खर्च हो पाए।
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