बजट 2017: पढ़िए दिग्गजों ने क्या कहा, जानिए बजट से क्या लाभ क्या हानि




नई दिल्ली : वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 2017-18 के लिए लोकसभा में बजट पेश कर दिया है। तमाम संशयों पर विराम लगाते हुए वित्तमंत्री जेटली ने बजट पेश किया। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपना चौथा बजट पेश किया।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट 2017-18 में इस बार राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में पारदर्शिता को लेकर कई अहम कदम उठाए हैं। अब राजनीतिक दल नकद (कैश) में 2000 रुपए तक ही चंदे ले पाएंगे. इससे अधिक चंदे लेने पर उन्हें इनका हिसाब देना होगा। साथ ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट में संशोधन होगा। इलेक्टरल बॉन्ड जारी किए जाएंगे। डोनर ये बॉन्ड खरीद सकते हैं, जिन्हें राजनीतिक दलों के रजिस्टर्ड ऑफिस में भुनाया जा सकता है। इन शर्तों को मानने पर भी राजनीतिक दलों की आय इनकम टैक्स के दायरे से बाहर रहेगी।

वहीं, अब इस बजट को लेकर राजनेताओं की प्रतिक्रिया भी सामने आने लगी है।  इसी क्रम में जेटली द्वारा पेश किए बजट पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि सरकार का शेर-ओ-शायरी का बजट है। वित्त मंत्री ने किसानों और युवाओं के लिए कुछ भी घोषणा नहीं की । मोदी सरकार ने जो वादे किए है वे भी इस बजट में शामिल नहीं किए गए। राहुल गांधी ने पार्टियों को मिलने वाले चंदे को लेकर जो सुधार किए गए है उनका स्वागत किया है। राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी फंड के लिए उठाए कदमों का समर्थन करता हूं।

बजट से निराश हुए लालू?
आरजेडी प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने कहा कि बजट से निराशा हुई है, उन्होंने कहा कि बजट में किसी के लिए कुछ नहीं है और सरकार अपना कार्यकाल खत्म नहीं कर पाएगी।

बजट पर शिवसेना ने साधा निशाना?
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बजट पर सवाल उठाते हुए कहा कि बजट हर साल पेश करने की क्या जरुरत है? क्या हम हर साल के अंत में बजट की सारी बातों को पूरा पाते हैं।

नितिन गडकरी ने क्या कहा?
परिवाहन निगम मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण बजट है जो एक लंबे समय तक असर डालेगा।

अनंत कुमार ने क्या कहा?
यूनियन मिनिस्टर अनंत कुमार ने कहा कि, 2017 का बजट परिवर्तनकारी है। यह पूरी राजनीतिक व्यवस्था में सफाई की दिशा में उठाया गया एक कदम है, हम इसका स्वागत करते हैं

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