
रांची, आपने देश में मौजूद काई सारे अजब-गजब परंपराओं वाले मंदिरों के बारे में सुना होगा। लेकिन क्या आपने कभी ऐसे मंदिरों के बारे में सुना है जहां अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए आपको धरना देना पड़ता है। जी हां, ये दोनों मंदिर भगवान् शिव के हैं और दोनों ही मंदिर झारखंड में स्थित है। आज Coverageindia.in आपको बता रहा है इन दो अजब-गजब परंपराओं वाले मंदिरों की कहानी...
1. दुमका का 'बाबा बैद्यनाथ':
झारखंड के दुमका में स्थित ये मंदिर काफी मशहूर है। दूर-दूर से यहां लोग भगवान् शिव से अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए प्रार्थना करने आते हैं। यहां मान्यता है कि अगर आप मंदिर के सामने धरना देते हैं तो भगवान् शिव आपकी हर मनोकामना पूरी करते हैं।
इसी मान्यता के चलते आपको इस मंदिर में भक्त महीनों और सालों से धरने पर बैठे हुए मिल जाएंगे। मंदिर में धरना दे चुके कई लोगों का कहना है कि धरना देने से उनकी मनोकामनाएं और कई गंभीर बीमारियां तक ठीक हुई हैं। भगवान शिव का यह मंदिर इलाके में 'बाबा बैद्यनाथ' के नाम से प्रसिद्ध है। आज भी यहां कई ऐसे भक्त हैं जो कई सालों से धरने पर बैठे हुए हैं।
2. कोडरमा का दोहमुहानी धाम:
झारखंड के कोडरमा जिले में स्थित ये मंदिर भी काफी प्रसिद्द है और लोग यहां भी मन्नत मांगने के लिए आते हैं। ये भी भगवान् शिव का मंदिर है और धरना देना यहां शिव की पूजा की तरह माना जाता है। यह मंदिर चंदवारा प्रखंड में स्थित है और दोहमुहानी धाम के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर पर हर साल सावन के महीने में एक बड़ा मेला भी लगता है। यह मंदिर दो नदियों के किनारे पर स्थित है। लोगों के मुताबिक इस मंदिर की स्थापना 1972 में हुई थी। कहते हैं जो भी निः संतान दंपत्ति यहां सच्चे मन से अपनी मनोकामना लेकर यहां कुछ दिन धरना देता है। उसकी मुराद जरूर पूरी होती है।
नोट:इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य व सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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