पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी की सरकार में पश्चिम बंगाल में हिन्दू नई मुश्किल में फंस गए हैं। यह राज्य एक बार फिर साम्प्रदायिक दंगों की चपेट में हैं।
पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में धुलागढ़ क्षेत्र में एक शिव मंदिर को तोडा गया, जिसके बाद इलाके में तनाव का माहौल है। हालांकि इस मामले में सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया अभी तक नहीं आई है।
इस इलाके में तीन दिनों तक लोगो के घरों में हमले हुए, उन्हें लूटा गया। लोगों के साथ मारपीट की गयी। माहौल बिगड़ते देख पुलिस, आरएएफ और फायर ब्रिगेड तैनात किया गया है जो संयुक्त रूप से स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं।
इससे पहले 12 अक्टूबर को हिंसा की शुरुआत पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना ज़िले से हुई, जहां कथित तौर पर मुहर्रम के जुलूस में एक बम फेंका गया। हालांकि इसमें कोई जख्मी नहीं हुआ, लेकिन इसके बाद हिंसक भीड़ ने हिंदुओं के घरों को जला दिया। और देखते ही देखते हिंसा की ये आग 5 ज़िलों में फैल गई। पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना, हावड़ा, पश्चिमी मिदनापुर, हुगली और मालदा जिले हिंसाग्रस्त हुए थे।
पश्चिम बंगाल की कुल आबादी 9.12 करोड़ है, जिसमें हिंदुओं की जनसंख्या 6.4 करोड़ या कहें कि 70.53 फीसदी है। जबकि, मुसलमानों की जनसंख्या 2.4 करोड़ या कहें कि 27.01 फीसदी है। जबकि साल 2001 की जनगणना के आंकड़ों की तुलना में बंगाल में जनसंख्या का धर्म विषमता का तेज होता प्रसार साफ तौर पर देखा जा सकता है।

बंगाल के तीन जिले जहां पर मुस्लिमों ने हिन्दुओं की जनसंख्या को भी तेजी से पीछे छोड़ते हुए अपना विस्तार किया है। वे जिले है मुर्शिदाबाद (47 लाख मुस्लिम और 23 लाख हिन्दू), मालदा (20 लाख मुस्लिम और 19 लाख हिन्दू), और उत्तरी दिनाजपुर (15 लाख मुस्लिम और 14 लाख हिन्दू )।खास समुदाय के सदस्यों द्वारा अभी कुछ हफ्तों पहले ही मंदिर की मौजूदगी का विरोध किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, इस समुदाय को दंगे भड़काने के लिए कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता गुलशन मलिक नाम के शख्स द्वारा भड़काया जा रहा है। दो समुदायों के सदस्यों के बीच जारी इस संघर्ष में कई हिंदू गंभीर रुप से घायल हो गए हैं, जबकि उनमें से कुछ गंभीर रूप से घायल हैं।
हालांकि क्षेत्र में पुलिस कि टुकडी को तैनात किया गया है, दंगे के कारण हिंदू असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। मलिक ने सभी मंदिरों और हिंदू समहटी को ध्वस्त करने का प्रयास किया जिसमें हिंदू स्वयंसेवकों पनाह लिए हुए हैं। गौरतलब है कि हिंदू समहटी एक गैर राजनीतिक संस्था है। हालांकि मीडिया चैनल और ममता सरकार इस पुरे मामले पर पर्दा ड़ालने कि कोशिश कर रही है
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