कवरेज इण्डिया के लिए कुलदीप शुक्ला की रिपोर्ट-
इलाहाबाद। उत्तर भारत की सुपरिचित साहित्यिक संस्था तारिका विचार मंच प्रयाग के तत्वावधान में दीपावली के बाद स्नेह मिलन का आयोजन सरस्वती बाल मंदिर गंधियॉव के सभागार में आयोजित किया गया जिसमें अनेक कवि लेखक व पत्रकार शरीक हुए इस अवसर पर तारिका विचार मंच प्रयाग के संयोजक डॉक्टर भगवान प्रसाद उपाध्याय का एक ल काव्य पाठ रखा गया जिसमें उपाध्याय जी ने अपनी पूर्व रचित अनेक कविताओं का वाचन किया उनकी एक चर्चित रचना इस प्रकार थी.अधरों का संबंध गीत से बहुत पुराना है दर्दो का अनुबंध प्रीति से बहुत पुराना है...अपनी श्रृंगार गीतों के लिए चर्चित हस्ताक्षर डॉक्टर उपाध्याय का एक गीत इस प्रकार है़...सौगातों में मिले तुम्हारे सभी दुखों का विष पी लूंगा तुमने इतने जख्म दिए हैं फिर भी मैं जीवन जी लूंगा...ने आगे फिर पढ़ा़...बहुत हो चुकी धैर्य परीक्षा अब कितने दिन और बिताएं कितने वादे टूट रहे हैं यह किससे कैसे बतलाएंं...तन मेरा सुध-बुध खो बैठा मन जब यादों में भरमाया काग बोलता है मुंडेर पर प्रिय पाहुन का ख़त है आया डॉक्टर उपाध्याय नेंं... "गीतों की पालकी"नामक पुस्तक से कई रचनाएं सुनायी और खूब वाहवाही ली इस गोष्ठी की अध्यक्षता सुकवि पंडित देवी चरण पांडे चरण कर रहे थे जिसमें बहुचर्चित मंच संचालक कवि जगदंबा प्रसाद शुक्ला और रत्नेश द्विवेदी कुलदीप कुमार शुक्ला मंगला प्रसाद तिवारी पवनेश पवन उत्कर्ष उपाध्याय सुकेश उपाध्याय एवं सरस्वती बाल मंदिर के अनेक आचार्य तथा काव्य प्रेमी छात्र उपस्थित रहे
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