रिपोर्टर- बाल गोविन्द वर्मा, सिरौलीगौसपुर, बाराबंकी।
शिक्षा है अनमोल रतन, पढ़ने का सब करो जतन।उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विगत कई वर्षों से शिक्षा के स्तर को सुधारने का प्रयास लगातार किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने प्रदेश के समस्त जनपदों में शिक्षा के प्रचार-प्रसार में तमाम साधनों, विधियों व नारों के इस्तेमाल किया। जिससे शिक्षा की अलख शहर से गाँव तक घर-घर जगे और शिक्षा की ज्योति घर-घर जलती रहे।
शिक्षा की गुणवत्ता में और भी ब्यापक सुधार कर शैक्षिक स्तर को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिये जनपद बाराबंकी की तहसील व ब्लॉक सिरौलीगौसपुर की ग्राम पंचायत खलसापुर के ग्राम टोंडरपुर में स्थित सरकारी विद्यालय के प्रधानाध्यापक रक़ीम अंसारी ने भरसक प्रयास कर इस सरकारी स्कूल की छवि ही बदल डाली है। अब यह सरकारी स्कूल अन्य सरकारी स्कूलों की तरह न होकर बल्कि निजी स्कूलों व शिक्षण संस्थानों की तरह दिखने लगा है।
प्राथमिक विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान दैनिकभास्कर के सिरौलीगौसपुर संवाददाता बाल गोविन्द वर्मा को प्राथमिक विद्यालय टोंडरपुर के प्रधानाध्यापक रक़ीम अंसारी ने बताया कि उनका मानना है कि शिक्षा के स्तर को सुधारने की जिम्मेदारी सिर्फ़ सरकार की ही नही बल्कि हम अध्यापकों के साथ ही साथ अभिभावकों की भी है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा पूरा प्रयास किया गया है कि कोई भी बच्चा ज़मीन पर बैठकर पढ़ाई न करे, इसके लिए उन्होंने शिक्षण कक्षों में सीटें भी लगवा दी हैं। कक्षों में दीवालों पर गिनती, पहाड़ा, राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह, पड़ोसी देशों के नाम, जिले के महत्वपूर्ण नंबर, चयनित विषय, ट्रैफिक सिग्नल चिन्ह, सामान्य ज्ञान, सब्जियों के अंग्रेजी नाम, गणित के फ़ार्मूले, त्रिभुज नाम, जिले की सभी तहसीलों के नाम, सभी ब्लॉकों के नाम आदि लिखवाया गया है।
उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि उनका सरकारी स्कूल जिले का रोल मॉडल बने और अन्य सभी इसको देखकर एक नया बदलाव करें। जिससे सरकारी स्कूलों की दिशा व दशा बदल जाये और सभी लोग अपने बच्चों को इनमें पढ़ाना शुरू करें।


