कुछ दिनों के लिए अपना सरकारी आवास छोड़ रहे हैं सीएम नीतीश, जानिए मामला?


राजेश कुमार के साथ सोनू मिश्रा कवरेज इण्डिया।
पटना : मुख्यमंत्री आवास के रूप में कर्णांकित एक अणे मार्ग को भूकंपरोधी बनाए जाने को ले वहां रेट्रोफिटिंग का काम शुरू होना है। जब तक एक अणे मार्ग में रेट्रोफिटिंग का काम होगा तब तक मुख्यमंंत्री सात सर्कुलर रोड स्थित आवास में रहेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुछ माह के लिए सात सर्र्कुलर रोड स्थित आवास में जा सकते हैैं। पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें यह आवास आवंटित है।

पहले चरण में तीन भवनों में रेट्रोफिटिंग
भवन निर्माण विभाग की देखरेख में पहले चरण में तीन सरकारी आवासों में रेट्रोफिटिंग का काम होना है। इसमें मुख्य सचिवालय भवन, राजकीय अतिथिशाला और एक अणे मार्ग शामिल हैं। भवन निर्माण विभाग के संबंधित अधिकारियों ने बताया कि मुख्य सचिवालय भवन और राजकीय अतिथिशाला में रेट्रोफिटिंग का काम  चल रहा है। इस काम को जून तक पूरा किए जाने का लक्ष्य है।

मुख्यमंत्री आवास में अभी यह काम आरंभ नहीं हुआ है। वहीं दूसरे चरण में राजभवन व पटना हाईकोर्ट में रेट्रोफिटिंग का काम होना है। इस तरह से चरणबद्ध तरीके से पुराने सरकारी भवनों की रेट्रोफिटिंग का काम किया जाना है।

किस तरह की है प्रक्रिया
अधिकारियों ने बताया कि भवन निर्माण विभाग ने अभियंताओं को पुराने भवनों को भूकंपरोधी बनाए जाने की ट्रेनिंग दी  है। इस क्रम में विशेषज्ञों की टीम पूरे भवन का निरीक्षण कर यह देखती है कि भवन के किस हिस्से में रेट्रोफिटिंग की आवश्यकता है।

इसके बाद उक्त हिस्से को तोड़ कर वहां नए सिरे से कुछ खास किस्म के केमिकल के साथ निर्माण का काम होता है। जरूरत पडऩे पर बीम भी दिया जाता है। यह बदलाव भूकंप के झटके को बर्दाश्त किए जाने को ध्यान में रख कर किए जाते हैं। पुराने भवनों को भूकंपरोधी बनाए जाने के लिए फाइबर कार्बन का इस्तेमाल किया जाता है। यह थाइलैैंड या सिंगापुर से मंगाया जाता है।

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