कवरेज इण्डिया न्यूज डेस्क।
लखनऊ। हाल ही में हुए उत्तर प्रदेश में सांसद के उपचुनाव गोरखपुर और फूलपुर का परिणाम आया है जिसमें सपा की बहुमत जीत हुई है। बीजेपी कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह था कि वह यह सीट पर अपना दावेदारी आसानी से साबित कर देंगे । परंतु इस बार परिणाम में फेरबदल हुआ और जनता का रुझान सपा की ओर रहा ।
यह सीट और भी खास है क्योंकि यह एक मुख्यमंत्री तथा दूसरा उपमुख्यमंत्री का गढ़ माना जाता है। परिणाम आने के बाद दिल्ली में हुए बैठक में कुछ अहम फैसले कि में मोहर लग सकती है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने फटकार लगाते हुए यूपी के मुख्यमंत्री को समीक्षा करने की निर्देश दिए हैं। तथा हार के जो भी कारण हैं ,उन्हें दूर करने को कहा है। माना जा रहा है कि अब योगी जी की कुर्सी खतरे में हैं। वही बीजेपी कार्यकर्ताओं में मायूसी छाई है। अब योगी आदित्यनाथ का जादू अपने ही घर में गोरखपुर में नहीं चला जिससे पार्टी का रूख उनसे अलग होता दिख रहा है।
वरिष्ठ पत्रकारों की मानें तो अगला मुख्यमंत्री चेहरा किसी पिछड़ी जाति का हो सकता है। इस दौर में मनोज सिन्हा सबसे आगे हैं, परंतु मनोज सिन्हा को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जा सकता क्योंकि उनके क्षेत्र में फिर से उपचुनाव करानी पड़ सकती है। अथवा अभी यह कयास लगाया जा रहा है ,कि किसी अन्य वर्ग के पिछड़े जाति को ही मुख्यमंत्री का भार संभालने को मिल सकता है ।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मोदी सरकार आगे कौन से महत्वपूर्ण निर्णय यूपी के लोगों के हित में लेती है ।जो कि 2019 चुनाव में रामबाण काम आए और मोदी लहर को दुगनी रफ्तार से भारत में बीजेपी का झंडा लहराने में मदद करें ।
