कवरेज इण्डिया के लिए हिमांशु यादव की रिपोर्ट।
इलाहाबाद। ओंकार आश्रम में संपन्न हुआ सनातन धर्म संसद मुख्य रूप से इसमें अध्यक्षता की है श्रीमद् प्रयाग पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी ओंकारानंद सरस्वती जी महाराज परमात्मा मठ प्रयाग अनेक संतो की उपस्थिति में भारत में बढ़ रहे संतो के प्रति समाज में फैली दूषित विचारों को किस प्रकार प्रबल परिवर्तन किया जाए दूसरा राम मंदिर पर संतों का एकजुट होकर कुंभ में हो शिलान्यास । इस विषय पर चर्चा हुई गंगा मां के प्रति मात्र वार्ता ही नहीं बल्कि स्वच्छता निष्पक्ष रुप से होनी चाहिए कुंभ से पूर्व हो गौ हत्या पर पाबंदी साथ ही संतों के पदों पर हो संविधान लागू संतों का संविधान बनना चाहिए इस विषय पर सर्वप्रथम श्रीमद् तपस्वी ब्राम्हण आश्रम अरेल के महंत वल्लभानंद जी महाराज ने अपने विचार रखें उन्होंने अवगत कराया कि भारत में संतों की परंपरा का एक संगठन होना चाहिए जिससे जो अपने आप कपड़े पहन कर संतों की वेशभूषा बनाकर दुनिया में घूम रहे हैं उन पर पाबंदी लगाई जा सके इसी प्रकार गंगा और गांव पर उन्होंने कहा कि सरकार को इसके लिए ठोस कदम उठाने चाहिए इसके बाद अतुलेश्वर धाम के महंत श्री उमाशंकर जी महाराज ने सरकार को निवेदन किया है संतो के प्रति राज्य सरकार को निर्देश करें कि कुंभ में विशेष रूप से किसी संत को कोई परेशानी उठानी ना पड़े।
गौ हत्या पर रोक लगनी आवश्यक है किंतु उसके साथ राज्य सरकार केंद्र सरकार साथ में छोटी बड़ी गौशालाओं में गोचारे आदि की व्यवस्था कराएं जिससे कि जो गाय सड़कों पर भटकती हैं उनके लिए उचित व्यवस्था हो सके इसके पश्चात तीर्थराज प्रयाग पीठाधीश्वर युवाचार्य श्रीनिवासाचार्य जी महाराज रामानुज संप्रदाय ने कहा कि देश में गौ ,गंगा और संतों पर इस समय लोगों के विचार सनातन धर्म की संस्कृति को भारत में स्थापित करने की आवश्यकता है जिससे कि लोग भगवान के बनाए सिद्धांत को जाने और एक दूसरे के प्रति सेवा का भाव रखें कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए शंकराचार्य ओंकारानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि कुम्भ पर्व पर संतों का आगमन हमारे लिए बड़ा महत्वपूर्ण है क्योंकि कुंभ तभी अमृत प्रदान करता है जब संतो द्वारा ज्ञान का मंथन करते हैं मंदराचल पर्वत का मंथन करके जिस प्रकार अमृत कलश प्राप्त किया गया उसी प्रकार कुंभ पर्व में संतो के सनातन धर्म पर अनेकानेक सत्संग का मंथन ही अमृत समाज में सनातन धर्म के मानने वालों को प्राप्त होगा।
भारत में बढ़ रहे राम रहीम जैसे पाखंडी लोगों को संत के नाम से संबोधित ना किया जाए ऐसे बहुत सारे कालनेमि और रावण वेश बदलकर के भारत में और भारत के बाहर भी सनातन के मानने वालों को छल,ढोंग और पाखंड से धर्म के नाम पर लोगों को लूटते हैं हम सब को यह चाहिए कि हम परंपरागत संतो के ही सानिध्य में रहकर कथा भागवत शास्त्र पुराण का श्रवण करें कई बार ढोंगी पाखंडी संतो ने सनातन धर्मियों को ठगा है।गौ हत्या पर रोक लगनी आवश्यक है किंतु उसके साथ राज सरकार केंद्र सरकार साथ में छोटी बडी गौशाला में गुजारा आदि की व्यवस्था करें जिससे कि जो भटकती हैं उनके लिए व्यवस्था हो सके।गंगा का प्रदूषण मात्र सरकार की ही जिम्मेदारी नहीं है हम सब संतों की और भक्तों की भी जिम्मेदारी है कि हम गंगा जी में कूड़ा, करकट,नाले आदि ना डालें और यह बात हम हिंदू धर्म के मानने वालों को समझनी पड़ेगी कि हम अपनी मां को नाना प्रकार के दूषित पदार्थों से गंदा ना होने दें बात रही गौ हत्या पर सख्त कानून भारत के संविधान से स्थापित होना चाहिए जिससे कि गौर पशु नहीं बल्कि माता के रूप में पूजा की जाए। गो,ब्राम्हण,संत हित परमात्मा का अवतार होता है और हमें गो ब्राह्मण एवं संतों में परमात्मा को स्वीकार करके उनकी सेवा करनी चाहिए।
संतो के पदों पर जो भी प्रतिष्ठित होते हैं उनका अवश्य उनका परिचय अवश्य करना चाहिए कि वो किस गांव से हैं किस घर से हैं पिछला जीवन कहां व्यतीत किया किस किस स्थान धर्म का कार्य किया है।आय का स्रोत क्या है यह सब जानकारी परंपराओं के अंतर्गत अखाड़ों में एवं अखाड़ों से बाहर भी जो संत है उनके पास अवश्य होनी चाहिए जिससे कि हमें समाज में बार-बार आसाराम,राम रहीम और न जाने कितने ऐसे हैं जो पाखंडी धूर्त संत बनकर के संसार को ठग रहे हैं।राम मंदिर का निर्माण हमारे और आपके लिए ही नहीं बल्कि आने वाली परंपरा के लिए सनातन की परंपरा के लिए अवश्य ही होना चाहिए।पाखण्डी लोगों ने संत नाम को दूषित कर रखा है हम सन्तो को एकजुट होकर इस पर कड़े कदम उठाने चाहिये।राम मंदिर का निर्माण सनातन धर्म के लिए सनातन धर्म के मानने वालों के लिए बड़ा ही आवश्यक है राम मंदिर मात्र एक मुद्दा ना बनाया जाए बल्कि उसको हिंदुओं की आस्था का केंद्र मानकर जल्द से जल्द स्थापित कराया जाए।
अगर आज भी श्री राम मंदिर का निर्माण ना हो सका तो भविष्य में भारत की संस्कार और संस्कृति नष्ट भ्रष्ट हो जाएगी इसलिए हम सभी संतो को एकजुट हो कर के आने वाले कुंभ में यह मांग करनी चाहिए कि कुंभ के अंदर ही अंदर राम मंदिर का निर्माण कि घोषणा केंद्र सरकार से करे अन्यथा सभी संत एकजुट होकर संसद भवन का घेराव करें दिल्ली की ओर कूच करें जिससे कि सरकार को यह पता चले कि सनातन के मानने वाले अपने अधिकारों के लिए सत्ता को हिला सकते हैं बाकी सभी संतो का धन्यवाद है जो लोग आज इस सभा में उपस्थित हुए यह जानकारी ओंकार आश्रम की व्यवस्थापिका श्री संतोष कुमारी जी ने दी उपस्थित संतो में शांडिल्य मुनि जी,कृष्णानंद बैरागी,ब्रह्मानंद सरस्वती,अन्नपूर्णा देवी,दुर्गादत्त,राजेंद्र तिवारी दुकान जी एवं समाजसेवी दामोदर प्रसाद,लालचंद पांडे,कृष्ण मोहन आदि गणमान्य लोग उपस्थित हुए।

