![]() |
| आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद (फाइल) |
नई दिल्ली। बहुचर्चित चारा घोटाले से जुड़े देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद को सीबीआई कोर्ट आज सजा सुना सकती है। विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में लालू समेत 10 अन्य आरोपियों की सजा पर सुनवाई पूरी हो चुकी है। फैसले के मद्देनजर रांची पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है।
दरअसल, सीबीआई की विशेष अदालत सीबीआई के जज शिवपाल सिंह ने ने लालू को विगत 23 दिसंबर को दोषी करार देते हुए फैसले की तारीख तीन जनवरी निर्धारित की थी। हालांकि, सजा के बिंदु पर सुनवाई जारी रहने के कारण फैसला नहीं सुनाया जा सका है। आज किसी भी वक्त फैसला सुनाया जा सकता है।
बता दें कि कल यानि शुक्रवार को हुई अदालत की कार्यवाही में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लालू समेत अन्य आरोपियों की सजा पर सुनवाई पूरी कर ली गई है। छह आरोपियों की सजा पर सुनवाई बाकी है, ऐसे में अदालती मामलों के जानकार पूरी संभावना जता रहे हैं कि आज शनिवार को जज शिवपाल सिंह फैसला सुना सकते हैं।
शुक्रवार को लालू व राजद समर्थकों के भारी हुजूम और सुरक्षा के मद्देनजर इस मामले की सुनवाई वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए की गई। लालू यादव के वकील चितरंजन सिन्हा ने बताया कि शनिवार दो बजे कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है।
23 जनवरी को अवमानना मामले में होगी पेशी
इससे पहले तीन जनवरी को हुई संक्षिप्त कार्रवाई में सीबीआई के विशेष जज शिवपाल सिंह ने कड़ी मौखिक टिप्पणी करते हुए 23 दिसंबर को सुनाए गए फैसले के खिलाफ बयानबाजी करने पर लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव, आरजेडी उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह, शिवानंद तिवारी और कांग्रेस नेता मनीष तिवारी को अवमानना का दोषी पाया है। साथ ही कोर्ट ने चारों नेताओं को नोटिस जारी कर 23 जनवरी को अदालत के समक्ष पेश होने को कहा है।
बता दें कि 23 दिसंबर को जब सीबीआई की विशेष अदालत परिसर में लालू यादव को दोषी करार दिए जाने के बाद राजद समर्थकों ने कोर्ट परिसर में जमकर हंगामा किया था। इस दौरान पुलिस को उन्हें खदेड़ने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी।
पुलिस कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है
अदालत द्वारा लालू को दोषी करार दिए जाने के बाद कई कार्यकर्ता तो लालू यादव को जिस वाहन से जेल ले जाया जा रहा था उसके ऊपर चढ़ गए थे और रास्ता अवरुद्ध करने के लिए कई वाहन के सामने आकर लेट भी गए थे। आशंका जताई जा रही है कि लालू को सजा सुनाए जाने के बाद आक्रोशित आरजेडी समर्थक और उपद्रव मचा सकते हैं। ऐसे में पूरा कोर्ट परिसर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। एहतियातन राजधानी में अतिरिक्त फोर्स भी तैनात की गई है।
देवघर ट्रेज़री से अवैध निकासी का है मामला
दरसल वर्ष 1994-96 के बीच देवघर ट्रेज़री से 84.5 लाख रुपये अवैध रूप से निकाले गए थे। उस वक़्त लालू बिहार के मुख्यमंत्री थे। 64ए/96 के रूप में अदालत में दर्ज इस केस की पिछले 23 दिसम्बर को लालू समेत जिन 16 लोगों को दोषी ठहराया गया है। दोषियों में तीन फॉर्मर आईएएस अधिकारी- फूलचन्द मंडल, बेक जूलियस और महेश प्रसाद शामिल हैं।
Tags:
national
