सुअर का मांस क्यों नहीं खाते मुसलमान, वजह जानकर हैरान रह जाओगे आप


बहुत से लोग यह बात बिल्कुल भी नहीं जानते हैं कि मुसलमान लोग सुअर का मांस क्यों नहीं खाते हैं। आज हम आपको इस सवाल का जवाब देंगें। आपको बता दें कि इस्लाम में सुअर का मांस खाना अच्छा नहीं माना जाता है। इसलिए इस्लाम में सुअर के मांस पर प्रतिबंध लगा हुआ है। लेकिन इसकी सबसे बड़ी वजह आपके लिए जानना बहुत जरूरी है, तो चलिए जानते हैं कि कौन सी वजह है जिससे मुसलमान सुअर का मांस क्यों नहीं खाते हैं।

सुअर एक ऐसा जानवर है, जिसमें पसीने की ग्रंथि न होने के कारण सुअर को पसीना नहीं आता है जिसके कारण सुअर के शरीर में बहुत ज्यादा बदबू आने लगती है। साथ ही सुअर के शरीर में बीमारी होने के ज्यादा चांस होते हैं, और सुअर का शरीर जहरीला बनता जाता है। इसलिए सुअर गर्मी से बचने के लिए गंदे पानी और नालों के आसपास लेते रहते हैं।

सुअर की खास बात यह है कि अगर आप सुअर को मारने के लिए किसी जहरीली चीज का इस्तेमाल करते हैं तो सुअर पर उस पदार्थ का कोई भी असर नहीं होता है। क्योंकि सुअर का शरीर उससे भी ज्यादा जहरीला होता है। आपको बता दें कि अगर हम चिकन खाते हैं तो इसे पचाने में 3 से 3 घंटे लगते हैं। वहीं अगर दूसरी तरफ सुअर का मांस खाते हैं तो वह 5 से 10 मिनट में पच जाता है। जल्दी पचने पर जो टोक्सिन नाम का जहर पैदा होता है। जिससे दिल की बीमारियों हो जाती हैं। यह जहर सीधे तौर पर लिवर को प्रभावित करता है। इसलिए मुसलमान सुअर का मांस नहीं खाते हैं।

क्या अपने स्वार्थ के लिए बेजुबान जानवरों को मारना उचित है या नहीं? हमें अपना जवाब कमेंट में जरूर लिखें। साथ ही पोस्ट को लाइक और शेयर भी करें और ताज़ा अपडेटस पाने के लिए हमें फॉलो करें।

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