सानू सिंह चौहान कवरेज इण्डिया शाहजहांपुर।
शाहजहांपुर।जनपद के अधिकारियों ने ग्राम पंचायत के अधिकारियों के सहयोग से कागजों पर करोड़ों रूपये के पौधे लगा दिए और भ्रष्टाचारी अधिकारी ,प्रधान और रोजगार सेवक इसके बदले में अकूत सम्पत्ति के मालिक हो गए।नरेगा हकीकत में घपले, घोटाले, दलाली, रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार की योजना बनकर रह गयी है।नरेगा के क्रियान्वयन में तो पूरा का पूरा रुपया ही भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारी, दलाल, प्रधान, एडीओ, वीडीओ और पंचायत सचिव मिलजुल कर हजम कर रहे है। इन योजनाओं का कागजों पर क्रियान्वयन दिखाकर लाखों-करोड़ों रुपये का बन्दरबांट हो रहा है। इसके लिये कौन जवाबदेह है नौकरशाही, केन्द्र-राज्य की सरकारें या जनता-जर्नादन? अगर समय रहते नहीं चेता गया तो इस महत्वाकांक्षी योजना का बन्टाधार तय है।
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| जिलाधिकारी को लिखा गया पत्र |
शाहजहांपुर जिले के ब्लाक कांट के गॉव पुरैना में वृक्षारोपण के नाम पर रोजगार सेवक अमित शर्मा ने गॉव के कई लोगो के नाम से फर्जी जॉब कार्ड बना कर लाखों का घोटाला किया।यहीं नही वर्ष 2016-17 में वृक्षारोपण के नाम पर भी हजारों रुपये निकाल लिए गए कागजों में तो वृक्षारोपण हुआ है लेकिन जमीनी हकीकत यह है वृक्षारोपण के नाम पर दिखावे के लिए गढ्ढे किये गए और नरेगा से 26 हजार से ज्यादा रुपया निकाला गया लेकिन वास्तव में जिस जमीन पर वृक्षारोपण हुआ वहां पर आज गेंहूँ की फसल देखी जा सकती है।ग्राम प्रधान ने वृक्षारोपण की तीन एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा करवा दिया है।जबकि वहां पर जमीन की कीमत इस समय डेढ़ लाख रुपया बीघा से ज्यादा कीमत है।वृक्षारोपण की जमीन आज के समय मे 27 लाख से ज्यादा है।
आखिर इसका जिम्मेदार कौन है ।सही मायने में देखी जाए तो इसके जिम्मेदार बी ड़ी ओ तथा ए ड़ी ओ है ।

