जानिए इस बार ऐसा क्या हुआ कि, इस बार माघ मेले में गुमशुदा हुआ इलाहाबाद

फाइल फोटो- यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ 

इलाहाबाद। संगम नगरी इलाहाबाद के सबसे बड़े धार्मिक मेले माघ मेला से इलाहाबाद का नाम ही गायब हो गया है. दरअसल, माघमेला क्षेत्र में निर्मित सभी सरकारी दफ्तरों पर इस बार इलाहाबाद की जगह प्रयागराज लिखा गया है. यही नहीं, पूरे मेला क्षेत्र में बड़े-बड़े बोर्ड पर इलाहाबाद की जगह प्रयागराज लिखा गया है. इसके अलावा मेला क्षेत्र में आए लोगों के बीच प्रयागराज को प्रचारित किया जा रहा है.

रिपोर्ट के मुताबिक माघमेला अधिकारी कार्यालय और माघमेला पुलिस लाइन की सभी के बोर्डों पर प्रयागराज लिखा गया है. इतना ही नहीं, मेला क्षेत्र में बने पुलिस थानों और सेक्टर मजिस्ट्रेट के ऑफिस के बाहर भी प्रयागराज लिखा गया है जबकि पिछले वर्ष तक इन सभी बोर्डों पर इलाहाबाद लिखा हुआ था. हालांकि मेले में स्वास्थ्य विभाग के लगे कुछ पुरानी होर्डिग्स में अभी भी इलाहाबाद लिखा हुआ है.

वहीं, माघमेला में अचानक शहर का नाम बदलने को लेकर राजनीति भी शुरु हो गई है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता किशोर वार्ष्णेय ने सूबे की योगी सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा है कि राजनैतिक फायदे के लिए प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद की जगह प्रयागराज नाम का इस्तेमाल पूरे मेले में किया है.

वैसे, माघ मेले में इलाहाबाद की जगह प्रयागराज का नाम इस्तेमाल किए जाने से तीर्थपुरोहित और साधु संत बेहद खुश हैं. तीर्थपुरोहितों का कहना है कि इलाहाबाद की पहचान तीर्थराज प्रयाग की वजह से ही है. ऐसे में सिर्फ माघमेला ही नहीं, बल्कि पूरे जिले का नाम प्रयागराज होना चाहिए, लेकिन विपक्षी पार्टी के नेताओं ने पूरी कवायद को राजनीति प्रेरित और गलत करार दिया है.

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