शाहजहांपुर में कई बारदाते पुलिस फाइलों में कैद


सानू सिंह चौहान कवरेज इंडिया।
शाहजहाँपुर- खुटार शाहजहांपुर कस्बा हो या ग्रामीण क्षेत्र यहाँ पर बदमाशो ने जब चाहा और जहाँ चाहा खून बहाया लूटपाट कर आराम से भाग निकले और पुलिस गश्त के नाम पर लकीर पिटती रही 7 सितम्बर 2016  को गाँव भटनौसा व टाह जैसे   रात परिजनों को बन्धक बनाकर घण्टों जमकर लूटपाट की बारदात की खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँची गहन छानबीन की और लुटेरों को जल्द पकड़ने का दावा भी किया लेकिन वर्षों  में घटी लूट और चोरी की बारदाते को खोलने में पुलिस को अभी तक कोई कामयाबी नही मिली नतीजन लुटेरे आज भी आज़ाद बनकर पुलिस की नाक के नीचे घूमकर घटनाओं को अंजाम दे रहे है वही पुलिस अफसरों का मानना है  कि घटनास्थल पर पहुँच कर पुलिस जाँच पड़ताल करती लेकिन इससे पहले वहाँ पर लोगो की आवाजाही के चलते पूरी तरह से साक्ष्य नहीँ मिल पाते क्योंकि बारदात में इस्तेमाल की गई गाड़ियों के टायरों के निशान भी मिट जाते है लिहाजा लुटेरों तक पहुँचने के लिए पुलिस को काफी परेशानियो का सामना करना पड़ जाता है बीती शाम लूट का शिकार बना रहे है 9 सितम्बर 2016 को
चाट व्यापारी टाह निवासी अशोक राठौर चाट बेचकर घर आ रहा था सिमरा वीरान गौ सदन के पास जंगल से पाँच लोग निकले उसे बंधक बना दिया उसका बचा हुआ सब कुछ खा गए उसके बाद बदमाश आराम से
बदमाश भाग निकले थे 28 नबम्बर 2017 को एक ही रात अज्ञात चोरों ने तीन  जगह धावा बोलकर हजारों की नगदी सहित  लाखों का माल उड़ा ले गए लेकिन मौके पर पहुँची पुलिस ने कहा कि बदमाशो के  तमाम सुराग मिल सकते थे लेकिन तमाम लोगो के हाथ पैर लगने से अंदाजा नही लगाया जा सकता है की लुटेरे कौन थे और किधर गए फ़िलहाल लुटेरों की तलाश में पुलिस हवा में ही हाथ पैर मार रही है और जाँच से पहले ही सबूत मिट जाते है  कई बारदातो की तफ्तीश पुलिस फाइलों कैद रह गई है और पुलिस ने  हार मानकर चुप्पी साध ली।

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