जानिए, आज धनत्रयोदसी पर क्या करें! क्या न करें, क्या है स्वास्थ्य और धन के लिए महत्व


कवरेज इण्डिया न्यूज डेस्क।
धन त्रयोदशी के दिन ही माना जाता है की भगवान् धन्वन्तरि का अवतरण हुआ था जो की स्वास्थ्य के देवता है,आखिर आपने क्या यह रहस्य जाना की धन्वंतरि और त्रयोदशी का उत्सव और पूजा एक ही दिन क्यों साथ ही इसका धन और स्वास्थ्य से क्या सम्बन्ध है,आइये यह रहस्य जानते है,त्रयोदशी में 13 का अंक प्रतिनिधित्व करता है,सनातन वैदिक धर्म में 13 अंक का अपना एक विशेष महत्व है तो वही पाश्चात्य देश और इशाई धर्म में इसे बहुत अशुभ अंक माना जाता है,यहाँ तक की वहा कई होटलो में इस अंक के कमरे नहीं बनाये गए है,वजह है की 13 अंक यहाँ आदमी के मुक्ति मोक्ष या मरण का तेरहवी (त्रयोदशाह)क्रिया का सूचक है,जो की परम सत्य जीवन का लक्ष्य समझा जाता है,क्योंकि यह धर्म त्याग वाद का सिद्धांत रखता है,जबकि भोगवाद से प्रभावित पश्चमी संस्कृति मृत्यु के नाम से भय खाती है।

अब आपको बताते है धन त्रयोदशी और स्वास्थ्य तथा धन का रहश्य --ध्यान पूर्वक समझें
13 अंक शरीर के 13 मुख्य अग्नि का सूचक है ,शरीर में 5 भुताग्नि यानी,पृथ्वी,जल,आकास,अग्नि,
हवाऔर 7 धातु अग्नि-रक्त, मांस,मेद,मज्जा,वीर्य आदि तथा एक जठर अग्नि जो की आमाशय(पेट)में होती है,(7+5+1=13)यह सम्पूर्ण 13 अग्नि जिस दिन बुझ जाती है,उस दिन के बाद बस आदमी का अंतिम संस्कार और त्र्योदशाह कर्म शेष रह जाता है,आज का खान पान फ्रिज कूलर ऐसी आदि का अधिकतम प्रयोग इन 13 अग्नियों विशेष कर जठर अग्नि को बुझाने का कार्य करते है,जो की रोग और मृत्यु की और तेजी से ले जाते है,आप ही विचार करें कितनी तीव्र अग्नि जलती हो उस पर बर्फीला पानी डाले तो वो बुझ नही जाएगा,ठीक ऐसे ही हम अपने पेट में फ्रिज का पानी डालकर अपनी पाचक अग्नि जठर को बुझाने का ही तो काम करते है,और सर्व रोग मलाश्रये,अर्थात सभी रोग का मूल यही है,अगर पेट सही तो सब सही।इसका ध्यान हटा तो आपका स्वास्थ्य प्रभावित हो जाता है,और उसमे अपने जीवन की गाढ़ी कमाई हम खर्च करने लगते है,साथ ही अकर्मण्य होने लगते है,स्वास्थ्य से बड़ा धन क्या है?इसलिए धनत्रयोदशी और धन्वंतरि जयंती आयुर्वेद के जनक का एक ही दिन उत्सव है,यह हमे आपक् सचेत करने ,और स्वास्थ्य धन को समझने का दिन हैकहते है,money is loss nonthing loss but ,helth is loss all thing loss,,
Health is welth!!

इस लिए आप इस रहश्य को समझे !और आयुर्वेद यूनानी पैथी को भी समझें!

आपका मूलांक और धनत्रयोदशी।
मूलांक आपके जन्म तारीख से सम्बंधित है जैसे यदि आपका जन्म 15 तारीख को है,तो 1+5=आपका मूलांक 6 हो गया।

यदि आपका मूलांक 1 है तो इस धनत्रयोदशी को आप-यह संकल्प ले की हम हमेशा सूर्योदय के पूर्व उठकर सूर्य को अर्घ्य देंगे,पिता के पेअर छुएंगे,और राजसरकर से विरोध नही करेंगे,यह आपके पुरे वर्ष खुश रहने का राज है।

यदि मूलांक 2 है,तो आप पूर्णिमा ला चाँद देखे गाय का दूध पिए और माँ का सम्मान करें, स्त्री को उचित सम्मान दे ,आपका धन और स्वास्थ्य मन के साथ अच्छा रहेगा।

यदि आपका मूलांक 3 है तो आप इस धनत्रयोदशी से गुरु और संत सेवा में विशेष ध्यान दे ,मेथी खाने का प्रयोग अवश्य करें, और पिले कपडे गुरूवार को पहने आनंदित रहेंगे।

यदि मूलांक 4 है तो,आप को आज से क्रोध और अहंकार को अलविदा करना चाहिए जिससे आप धनि और स्वस्थ्य बनेंगे।
यदि मूलांक 5 है तो आप बहन बुआ बेटी को सम्मानित करें, साथ ही इलेक्ट्रानिक चीजो को सही करवा ले ,हरी शब्जी खाये ,आप वर्षोपरांत आनंदित होंगे।

यदि मूलांक 6 है तो पत्नी को आदर विशेष करें, धन का दुरुपयोग बंद करें, भोग से योग की और कदम रखें।

यदि 7 है तो आप अपने धर्म औरो के धर्म में भेद भाव या वैमनस्यता फैलाना बंद करें, अपने कानो को साफ़ रखे चुगली न करें, शिव उपासना से जीवन धन्य होगा।

यदि 8 है तो मजदूरो की मजदूरी न मारे,इस धनत्रयोदशी कारोबारियों का हिसाब सही से दे दे,शुभ होगा।गलत संगत छोड़े।

यदि 9 हो तो क्रोध और झगडे से बचे रहे शांति रखे,हनुमान दर्शन धनत्रयोदशी को करें अत्यंत शुभ मंगल होगा।
आप सब इन बातो का ध्यान रखे,इस धनत्रयोदशी से इन सुझावो का पालन आपका जीवन बदल देगा।

वशिष्ठ जी महराज
guruji09322320055@gmail.com

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