कवरेज इण्डिया धर्म कर्म। रामायण केवल एक ग्रंथ या कहानी ही नहीं बल्कि जीवन जीने का आधार है। रामायण के द्वारा हमें यह पता चलता है कि बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत होती है। इसके द्वारा हमें यह भी ज्ञात होता है कि रावण जैसे घमंडी और पापी इंसान का किस प्रकार अंत होता है। तो आइए देखते हैं रामायण के यह सबूत जिससे पता चलता है कि रामायण सत्य पर आधारित है।
अशोक वाटिका
अशोक वाटिका लंका पति रावण का बगीचा था। जोकि विष्णु पुराण और वाल्मीकि रामायण में भी बताया गया है। इस बगीचे का निर्माण स्वयं विश्वकर्मा द्वारा किया गया था। इसका सीधा संबंध माता सीता से है। लंकापति रावण ने माता सीता को इसी पेड़ के नीचे रखा था। यह बगीचा आज भी नुवारा एलिया से 16 किलोमीटर दूर स्थित है।
रावण की लंका
लंका का सीधा संबंध लंकापति रावण से है। इसकी राजधानी लंकापुरी थी। जिसे सोने की लंका भी कहा जाता था। इस सोने की लंका को हनुमान जी ने आग लगाकर राख बना दिया था| परंतु रावण ने विश्वकर्मा की सहायता से इसका पुनः निर्माण करवाया। आज यह श्री लंका में पाई जाती है।
राम सेतु
राम सतु को आदम ब्रिज या राम ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है। इस ब्रिज का निर्माण भगवान राम के द्वारा वानरों की सहायता से किया गया था। यह आज भी पंबन आइलैंड के बीच, तमिलनाडु के दक्षिण पूर्व और श्रीलंका के उत्तर पश्चिम दिशा की ओर पाया जाता है
तैरते पत्थर
पत्थर पर भगवान श्री राम का नाम लिखकर यह पत्थर तैरने लगे थे जिससे विशालकाय पुल का निर्माण हुआ था। ये पत्थर आज भी रामेश्वर मंदिर के समीप नदी के पानी में तैरते देखें जा सकते हैं| और भारत के अन्य मंदिरों में भी इन्हें स्थापित किया गया है|
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