सीतामढ़ी(भदोही)। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से गरीबों को मिलने वाले राशन को उपभोक्ताओं में हर माह वितरित करने के बजाय कोटेदार धड़ल्ले से कालाबाजारी कर देते हैं। थक हारकर परेशान होकर ग्रामीण शिकायत भी करते हैं किन्तु न्यायपूर्ण ढंग से व समयानुसार कार्रवाई न होने से वे निराश हो जाते हैं। भदोही जिले के डीघ विकास क्षेत्र के ओझापुर गांव के अरविंद कुमार पांडेय समेत दर्जनों ग्रामीणों द्वारा शपथ पत्र के साथ गांव के कोटेदार पर खाद्यान्न वितरण न करने तथा धांधली करने व दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए अप्रैल माह में शिकायती पत्र दिया गया था। उक्त मामले की जांच पूर्ति निरीक्षक ज्ञानपुर ने 25 सितंबर को की। ग्रामीणों के बयान व भौतिक सत्यापन के आधार पर पूर्ति निरीक्षक ज्ञानपुर ने कोटेदार माताशंकर ओझा को धांधली व अनियमितता में संलिप्त पाया। उनके द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के बाद एसडीएम ज्ञानपुर द्वारा कोटेदार को गत 3 अक्टूबर को 15 दिन के भीतर समस्त अभिलेखों के साथ स्पष्टीकरण देने का नोटिस जारी कर दिया गया। नोटिस में यह भी स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि यदि कोटेदार द्वारा निर्धारित समयावधि में जवाब नही दिया गया तो एक पक्षीय मानते हुए कार्रवाई की जाएगी। 2 पखवारा बीतने को है लेकिन अब तक कोटेदार ने स्पष्टीकरण नहीं दिया। बड़ी बात यह है कि शिकायतकर्ता प्रशासन के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन सम्बन्धित अधिकारी गरीबों के निवाले पर डाका डाल रहे कोटेदार पर कार्रवाई करने के बजाय चुप्पी साधे हुए हैं। इस कार्यशैली से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है उन्होंने अतिशीघ्र जिलाधिकारी महोदय से इस मामले में न्यायपूर्ण कार्यवाही की मांग की है।
सीतामढ़ी(भदोही)। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से गरीबों को मिलने वाले राशन को उपभोक्ताओं में हर माह वितरित करने के बजाय कोटेदार धड़ल्ले से कालाबाजारी कर देते हैं। थक हारकर परेशान होकर ग्रामीण शिकायत भी करते हैं किन्तु न्यायपूर्ण ढंग से व समयानुसार कार्रवाई न होने से वे निराश हो जाते हैं। भदोही जिले के डीघ विकास क्षेत्र के ओझापुर गांव के अरविंद कुमार पांडेय समेत दर्जनों ग्रामीणों द्वारा शपथ पत्र के साथ गांव के कोटेदार पर खाद्यान्न वितरण न करने तथा धांधली करने व दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए अप्रैल माह में शिकायती पत्र दिया गया था। उक्त मामले की जांच पूर्ति निरीक्षक ज्ञानपुर ने 25 सितंबर को की। ग्रामीणों के बयान व भौतिक सत्यापन के आधार पर पूर्ति निरीक्षक ज्ञानपुर ने कोटेदार माताशंकर ओझा को धांधली व अनियमितता में संलिप्त पाया। उनके द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के बाद एसडीएम ज्ञानपुर द्वारा कोटेदार को गत 3 अक्टूबर को 15 दिन के भीतर समस्त अभिलेखों के साथ स्पष्टीकरण देने का नोटिस जारी कर दिया गया। नोटिस में यह भी स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि यदि कोटेदार द्वारा निर्धारित समयावधि में जवाब नही दिया गया तो एक पक्षीय मानते हुए कार्रवाई की जाएगी। 2 पखवारा बीतने को है लेकिन अब तक कोटेदार ने स्पष्टीकरण नहीं दिया। बड़ी बात यह है कि शिकायतकर्ता प्रशासन के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन सम्बन्धित अधिकारी गरीबों के निवाले पर डाका डाल रहे कोटेदार पर कार्रवाई करने के बजाय चुप्पी साधे हुए हैं। इस कार्यशैली से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है उन्होंने अतिशीघ्र जिलाधिकारी महोदय से इस मामले में न्यायपूर्ण कार्यवाही की मांग की है।
