कवरेज इण्डिया बिजनेस डेस्क। बिजनेस करने के इच्छुक अधिकांश लोग अक्सर इस बात का रोना रोते हैं कि उनके पास इसके लिए जरूरी पूंजी नहीं है. लेकिन उन्हें नहीं पता कि नाममात्र की पूंजी से भी कई सारे बिजनेस शुरू कर काफी पैसे कमाए जा सकते हैं. हम सबसे लोकप्रिय ‘चाय की दुकान’ का गणित समझा रहे हैं, जो कम पैसे में सबसे अधिक प्रॉफिट देने वाले बिजनेस में एक है-
कितनी होती है कमाई
अधिकांश लोगों को चाय की दुकान की कमाई का शायद ही अंदाजा होगा. दुकानदारों के अनुसार, इस बिजनेस में कुल बिक्री का लगभग आधे की बचत हो जाती है. यानी अगर किसी चाय वाले की बिक्री हर दिन 1000 रुपए की है, जो बिल्कुल सामान्य सी बात है तो उससे लगभग 500 रुपए का प्रॉफिट हो सकता है. नोएडा के फिल्म सिटी में चाय की दुकान चलाने वाले ललन मंडल के अनुसार आम दुकानदार भी 1500 से लेकर 2000 रुपए की चाय बेच लेते हैं और अगर आप कुशल दुकानदार हैं और अच्छी जगह पर दुकान खोल रखी है तो हर दिन 10 हजार रुपए की बिक्री बड़ी बात नहीं है.
छपरा के नंद कुमार साह के अनुसार, अगर दुकान अच्छी जगह है और ग्राहक से आपका व्यवहार बन जाता है तो आपके लिए 5 हजार रुपए कमाना सामान्य बात हो जाती है. वैसे बिजनेस में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, खासकर छुट्टियों या पर्व-त्योहार के अवसर पर बिक्री काफी कम भी हो जाती है.
क्या है इसका स्कोप
कम पैसे से बिजनेस शुरू करने वालों के लिए चाय की दुकान एक उम्दा विकल्प है. यह एक ऐसा बिजनेस है, जो हर जगह और सालों भर चलता है. इसके लिए गांवों से लेकर शहरों तक सभी जगहों पर काफी स्कोप होता है. बेशक यह बिजनेस ठंड के मौसम में उफान पर होता है, लेकिन पीने वाले गर्मियों में भी खूब पीते हैं. किसी मोहल्ले, मार्केट या ऑफिस से सटे दोराहे, तिराहे या चौराहे इसके लिए सबसे माकूल जगह होते हैं.
कितने निवेश की है जरूरत
मंडल के अनुसार इसकी शुरुआत महज 2,000 रुपए से भी की जा सकती है. वैसे 5 से 10 हजार रुपए लगाने पर दुकान भरी-भरी सी लगती है. इतनी रकम से बिस्कुट, सिगरेट, गुटखा, नमकीन, कोल्ड ड्रिंक्स, टॉफी जैसी चीजें भी आ जाती हैं. बिहार के मधुवनी के मंडल के अनुसार, ग्राहक अक्सर चाय के साथ इन चीजों की मांग करते हैं. अगर उन्हें सभी चीजें एक जगह पर मिल जाती है तो वे बार-बार आपकी दुकान पर आते हैं.
कानूनी पेंच भी है इसमें
किसी दोराहे या चौराहे की सरकारी जमीन पर चाय की दुकान खोलना कानूनी रूप से अवैध है. कोई भी अथॉरिटी (उदाहरण के लिए नोएडा अथॉरिटी) कानून-व्यवस्था का हवाला देकर इसकी इजाजत नहीं देती है. इसी तरह फुटपाथ पर भी चाय की दुकान की इजाजत नहीं होती है. ऐसे में कमेटी वाले वाहनों की तरह आपकी दुकान भी उठा सकते हैं. हालांकि सूत्रों के अनुसार, अक्सर पुलिस के साथ ही कमेटी वालों के साथ भी दुकानदारों की एक तरह की अनौपचारिक डील हो जाती है.
Tags:
business
