इलाहाबाद। भारतीय सेवा के 16 परिविक्षाधीन अधिकारियों को इलाहाबाद के जिलाधिकारी संजय कुमार ने एक औपचारिक मुलाकात के दौरान अपने प्रशासनिक अनुभव बांटे। आई0ए0एस0 संवर्ग के ये नये अधिकारी इलाहाबाद के जिलाधिकारी से संगम सभागार में प्रशासनिक चुनौतियों से जूझने का गुर सीख रहे थे।
डीएम ने इलाहाबाद के माघ मेले और कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं को उदाहरण बनाकर प्रशिक्षुओं के सामने अपने प्रशासनिक अनुभवों का ताजा उदाहरण प्रस्तुत किया। जिलाधिकारी श्री संजय कुमार ने प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रशासनिक चुनौतियां भले ही कितने बडे़ रूप में आएं किन्तु उनको नियंत्रित कर लेने के बाद उनका संचालन आत्मविश्वास और स्फूर्ति देता है। डीएम ने कहा कि छोटी-छोटी जगह पर भी काम करने की बड़ी से बड़ी संभावनाएं मौजूद रहती हैं। इस लिये सर्वत्र अपने लक्ष्य को पहचान कर तथा उस चुनौती का साकारात्मकढंग से मुकाबला करते हुए सफलता का उदाहरण कायम किया जा सकता है।
उन्होंने इलाहाबाद में माघ मेले के आयोजन और कुम्भ मेले के आयोजन को इलाहाबाद में हर वर्ष क्राउड मैनेजमेन्ट और साॅलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट की एक बड़ी चुनौती बताते हुए उससे निपटने के कामयाब गुर प्रशिक्षु अधिकारियों से साझा किये। जिलाधिकारी ने मेले और अर्द्धकुम्भ का पाॅवर प्रजेन्टेशन दिखाते हुए उन्हें इलाहाबाद के तथा कुम्भ के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व से अवगत कराया। डीएम ने बताया कि इलाहाबाद का केवल माघ मेला ही उज्जैन और नासिक के कुम्भ से बड़ा होता है। जिसमें पूरे विश्व से 75 से अधिक देशों के तीर्थयात्री आते हैं तथा करोडों की संख्या में देशवासी श्रद्धालु इसमंे आते रहते हैं।
मेला प्रबन्धन की विशिष्टताओं पर प्रकाश डालते हुए जिलाधिकारी ने प्रशिक्षुओं को इसमें आकर देखने और सीखने के लिए आमंत्रित भी किया।
इस अवसर पर भारतीय रेल सेवा के अधिकारी श्री अंशू पाण्डेय, डी0आर0एम0 इलाहाबाद ने भी इस आयोजन के बारे में अपना अनुभव साझा करते हुए यह बताया कि इस आयोजन में किस प्रकार भारत सरकार और उ0प्र0 सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारी आपसी समन्वय के साथ कार्य करते हैं। इसके पूर्व इलाहाबाद के ए0डी0एम0 सिटी, श्री अतुल सिंह और ए0डी0एम0 खाद्य एवं आपूर्ति श्री अमरपाल सिंह ने अपने अनुभव साझा किये।
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