भदोही। कर्जमाफी सत्यापन में लेखपालों ने किसानों से ऐंठा धन


- दो लेखपाल की शिकायत के बावजूद प्रशासन मौन

सीतामढ़ी(भदोही)। योगी सरकार ने अपनी पहली ही कैबिनेट की बैठक में एक लाख रुपए तक किसानों के कर्जमाफी की घोषणा कर दी थी। जिसके बाद इस समय किसानों की कर्जमाफी का काम चल रहा है, इस कार्य को अम्लीय जामा पहनाने के लिए बड़ी संख्या में लेखपालों को लगाया गया है। जो किसानों के घर जाकर सत्यापन कर रहे हैं और किसानों से पैसे ऐंठ रहे हैं। जिले के डीघ ब्लॉक के ग्राम पंचायत केवटाही व खरगापुर के ग्रामीणों ने आईजीआरएस के माध्यम से जिलाधिकारी विशाख जी से शिकायत कर स्थानीय लेखपाल पर योजना का लाभ न मिलने का डर दिखाकर और सुविधा शुल्क का झांसा देकर धनउगाही करने का आरोप लगाया है। तथा जांच कराकर उचित कार्यवाई की मांग की है। बता दें कि किसानों को ऋणमोचन योजना से लाभान्वित करने हेतु बीसों दिन से लेखपाल अपने क्षेत्र के प्रत्येक लाभार्थियों का डोर टू डोर सत्यापन कार्य कर रहे हैं, जो अब समाप्ति की ओर है। इस कर्जमाफी योजना के  सत्यापन के दौरान लेखपालों द्वारा किसानों से अवैध वसूली करने मामला लगातार प्रकाश में आ रहा है। डीघ क्षेत्र के केवटाही, जाजपुर, मंझगवा गांव के लेखपाल द्वारा घर-घर जाकर लोगों से आधार कार्ड व पैसे लेने की खबर है वहीं उक्त ब्लॉक के ही खरगापुर गांव के लेखपाल ने तो वसूली का अच्छा तरीका इस्तेमाल किया। गांव निवासी राजेश का कहना है कि स्थानीय लेखपाल ने फोन कर उन्हें राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित एक ढ़ाबे पर बुलाया और कागज के साथ ख़र्च-बर्च के लिए धनउगाही भी की। यह आलम महज इन दो चार गांवों तक सीमित नहीं है, लोग काम न होने के डर से चुप्पी साधे हुए हैं। हालांकि इन गांवों के मामले प्रकाश में आने के बावजूद भी तहसील और जिला प्रशासन मौन नजर आ रहा है। यदि इस तरह सार्वजनिक योजनाओं में रिश्वतखोरी चलती रही और प्रशासन मौन रहा तो सरकार का भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश देने का वादा सिर्फ वादा ही रह जायेगा। 

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