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| आचार्य कुशमुनी |
ब्युरो रिपोर्ट कवरेज इण्डिया इलाहाबाद।
आचार्य कुशमुनी ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से कुछ तीखे सवाल पूछे हैं जिसको लेकर इलाहाबाद के साधू सन्यासियों में माहौल गर्म है। जिसमें न सिर्फ अखाड़ा परिषद की बखियां उधेड़ी हैं बल्कि मां गंगा में हो रहे प्रदूषण व उसमें बह रहे अवैध नाले व चमड़ा फैक्ट्रियों के पानी के लिए जिम्मेवार भी ठहराया है, आइए हम आपका ध्यान आकृष्ट कराते हैं आचार्य कुशमुनी द्वारा अखाड़ा परिषद से किए गए कुछ सवालों पर जिसको पढ़ने के बाद आप खुद आकलन करें कि क्या सही है और क्या गलत !
(1) हर कुंभ और अर्द्ध कुंभ मे आप शाही स्नान करते हैं ।आप के शाही स्नान पर सरकार करोडो रूपया खर्च करती है।चाहे कुंभ नासिक का हो ,प्रयाग का हो ,उज्जैन का हो या हरद्वार का हो आप अपने अखाडे की भरपूर ब्रांडिग करते हैं ।कुंभ मेला क्षेत्र का उपयोग आप अपने विज्ञापन क्षेत्र के रूप मे करते हैं।लेकिन जिस माँ गंगा मे शाही स्नान के नाम पर आप शासन प्रशासन को ब्लैकमेल करते हो ।उस माँ गंगा को अविरल और निर्मल बनाये रखने के लिये आप के तथाकथित अखाडा परिषद ने अखाडा परिषद की स्थापना के समय से अब तक क्या किया ?गंगा की अविरलता और निर्मलता को ले कर अखाडा परिषद चुप्पी क्यों साधे है ?किस कुंभ मेले मे आप ने गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिये कोई कार्यक्रम किया ।
(2) कानपुर की चमडा फैक्ट्रियों का कचरा माँ गंगा को गंदा कर रहा है।इन चमडा टेनरियों के खिलाफ आप के तथाकथित अखाडा परिषद ने अब तक कोई लडाई क्यों नही लडी ?क्या इनके खिलाफ लडाई लडना अखाडा परिषद का कर्तव्य नही है ?
(3) महामना पंडित मदन मोहन मालवीय को भले ही अखाडा परिषद संत न माने,फर्जी बाबा माने,क्योंकि महामना मालवीय जी विवाहित थे और किसी अखाडे के नही थे। लेकिन गंगा की रक्षा और सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिये जो कुछ महामना मालवीय जी ने किया आप के अखाडा परिषद के इतिहास मे देख लीजिये तेरह अखाडों ने मिल कर उतना न किया होगा।महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की बराबरी का संत और महापुरूष आप के अखाडों मे क्यों नही हुआ ?
(4) गंगा प्रदूषण के विरूद्ध जनहित याचिका प्रयाग के प्रतिष्ठत संत श्री हरिचैतन्य ब्रम्हचारी जी ने की । उनकी याचिका के कारण इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गंगा प्रदूषण पर अनेक महत्वपूर्ण आदेश दिये हैं। यह याचिका 2003 मे हुयी । हरिचैतन्य ब्रम्हचारी जी महराज दंडी सन्यासी प्रबंधन समिति की राष्ट्रीय कार्यकारिणी मे भी हैं।गंगा की अविरलता और निर्मलता को ले कर अनेक बार दंडी सन्यासियों ने आमरण अनशन किया ।आप के अखाडा परिषद ने आज तक गंगा को अविरल और निर्मल बनाने के लिये अब तक क्या किया ? आप ने गंगा के लिये कभी कुछ नही किया ।
(5) जिस माँ गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिये आप ने कभी कुछ नही किया।उस गंगा मे शाही स्नान करने के नाम पर ,शाही स्नान का बाहिष्कार करने की धमकी दे कर शासन और प्रशासन को ब्लैक मेल कर करोडों रूपयों की लागत की मँहगी सुविधाओं को ले कर उनके उपभोग का अधिकार क्या आप को है ?
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