रिपोर्टर- बाल गोविन्द वर्मा। टिकैतनगर, बाराबंकी।
अंधरी पीसै कूकूर खाय , यह कहावत चरितार्थ हो रही है विकास खंड पूरेडलई क्षेत्र की ग्राम पंचायत सराही मे, जहां कोटेदार से लेकर दुर्बल आवास योजना से आवास प्राप्त कर चुके लोगो को प्रधानमंत्री आवास योजना से आवास दे दिया गया और गांव के गरीब को बाहर का निवासी बताकर अपात्र कर दिया। ग्राम पंचायत सराही में प्रधानमंत्री आवास वितरण मे हो रही धांधली की शिकायत निदेशक पंचायती राज निदेशालय से की गई है।
प्रात विवरण के मुताबिक विकास खंड पूरेडलई क्षेत्र की ग्राम सभा सराही के ग्राम प्रधान व पंचायत सेक्रेटरी शासन के नियम और कानून को ताक पर रखकर अपने चहेतो को रेवड़ियों की तरह लाभ बांटने में जुटे हुए हैं और निजी स्वार्थ पूर्ति की लालसा में अपात्रो को पात्र तथा पात्रो को अपात्र दिखाकर आवास बितरित कर दिया गया। ग्राम प्रधान व पंचायत सेक्रेटरी की संवेदनहीनता की हद यह कि गांव के अत्यंत गरीब मद्धू पुत्र कन्हई को बाहरी गांव का निवासी दिखा कर प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ से वंचित कर दिया गया तो वही बिहार प्रान्त के घुमंतू जाति के शिवपूजन पुत्र लोचन को गांव का निवासी दिखा कर आवास दे दिया गया। यही नही प्रधान व पंचायत सेक्रेटरी की मनमानी का आलम यह है कि लगभग गांव की लगभग 25 वर्षो से सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान चला रहे कोटेदार बरसाती को भी प्रधानमंत्री आवास दे दिया गया और शासन के नियम और कानून धरे के धरे रह गए। यही नही 1988-89 मे दुर्बल आवास योजना से आवास पा चुके जगजीवन पुत्र महाबली के पुत्र लालचंद का नाम 2011 की सूची मे दर्ज न होने के बावजूद लालचंद को जगजीवन की आई डी पर आवास दे दिया गया तो साथ ही 1988 -89 मे ही आवास पा चुके रामफेर पुत्र महाबली के एकलौते पुत्र की पत्नी के नाम आवास जारी कर नियम कानून को ठेंगा दिखा दिया गया। इसके अलावा ग्राम वासी बुधई को पूर्व इंदिरा आवास दिया जा चुका है और अब उनकी पत्नी शीला को आवास दे दिया गया। साथ ही साथ परसू पुत्र बरसती का पक्का मकान बना होने के बावजूद प्रधानमंत्री आवास दे दिया गया।यही नही शिवनाथ पुत्र रामकिशोर को पूर्व मे इंदिरा आवास मिल चुका है और इनके ज्येष्ठ पुत्र को भी इंदिरा आवास मिल चुका व पूरा मकान पक्का बना हुआ है, इसके बावजूद इनके पुत्र को प्रधानमंत्री आवास दे दिया गया।इस तरह विकास खंड पूरेडलई क्षेत्र की ग्राम पंचायत सराही ब्लाक के अधिकारियो कर्मचारियो के लिए दुधारू गाय बनी हुई है, और अधिकारियो की सांठगांठ के चलते अंधरी परसै कुकुर खाय वाली कहावत चरितार्थ हो रही है, किन्तु क्या मजाल कि कोई भी उच्चाधिकारी जांच-पड़ताल मौके पर पहुंच कर करके कार्यवाही करने की जहमत उठाए और फिर जनता शिकायत करे तो किससे क्योंकि जिससे न्याय की उम्मीद है वही भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने मे लिप्त है। यानि ब्लाक के जिन अधिकारियो कर्मचारियो ने गलत तरीके से आवास आवंटित किया है, उन्ही अधिकारियो से जांच कराई जा रही है। ऐसे मे जांच अधिकारी से न्याय की उम्मीद कैसे की जा सकती है। फिलहाल मामले की शिकायत जिलाधिकारी से करके प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच करवा कर कार्रवाई की मांग की गई है।
