ऋणमोचन लाभार्थियों से लेखपाल ले रहे सुविधा शुल्क


सीतामढ़ी। प्रदेश सरकार की अतिमहत्वाकांक्षी योजना में शामिल किसानों के ऋणमाफी की ऋणमोचन योजना को लेखपालों द्वारा पलीता लगाने की कोशिशें की जा रही हैं। बताते चलें कि प्रदेश चुनाव के समय भाजपा के घोषणा पत्र में किसानों द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड पर लिए गए कर्ज को सरकार बनते ही माफ करने का संकल्प प्रथम वरीयता में शामिल था। और प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही घोषणा पत्र के प्रथम संकल्प को पूर्ण करने व किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कर्जमाफी की महत्वाकांक्षी योजना ऋणमोचन की घोषणा कर दी। और वर्तमान समय में किसानों को लाभान्वित करने वाली इस योजना का क्रियान्वयन बहुत ही तेजी कराया जा रहा है। सरकार के साथ-साथ जनपद के जिलाधिकारी विशाख जी इस योजना को सफलतापूर्वक क्रियान्वित कराने में बड़ी ही तत्परता से जुटे हुए हैं। इसके बावजूद भी लेखपाल इस योजना में भ्रष्टाचार का घुन लगाते देखे जा रहे हैं। बता दें कि इन दिनों लेखपाल लाभार्थियों के घर-घर जाकर सत्यापन कार्य कर रहे हैं इस दौरान उनके द्वारा सुविधा शुल्क लिए जाने की खबरें भी सामने आ रही हैं। जिले के डीघ विकासखण्ड के केवटाही, मानशाहपुर, जाजपुर आदि गांवों से इस तरह की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं। इन गांवों में गांव के उक्त लेखपाल ने अवैध तरीके से कागज आदि का तामझाम बताकर अवैध वसूली की है तो वहीं कई किसानों को लाभ से वंचित करने का डर भी दिखा रहे हैं। यही नही लेखपाल चंद्रप्रकाश द्वारा खर्च-बर्च के नाम पर धनउगाही की खबरें भी प्रकाश में आ रही हैं। अकेले केवटाही गांव से दर्जनों शिकायतें लाभार्थियों द्वारा उठ रही हैं। जहां लेखपाल ने कागज लगाने, खर्च-बर्च आदि के नाम पर लोगों से सौ, दो सौ और पांच सौ रुपये की धनउगाही की है। शासन की प्रथम वरीयता में शामिल इस अतिमहत्वाकांक्षी योजना केे प्रारंभिक दौर में ही भ्रष्टाचार की बू आना अपने आप में बड़ा प्रश्नन है। अगर जिला प्रशासन ने समय रहते इस तरह की गड़बड़ी पर अंकुश नहीं लगाया तो योजना पर पलीता लगने में कोई दो राय नहीं है।

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