टाप टेन भूमाफिया में शामिल अतीक अहमद, वाचस्पति और राम लोचन

फाइल फोटो- अतीक अहमद

इलाहाबाद : जिले के टाप टेन भूमाफिया में शामिल अतीक अहमद, वाचस्पति और राम लोचन के पास ग्राम पंचायत, नगर निगम सहित कई सरकारी संस्थाओं की 328 बीघा जमीन है। इस जमीन को उन्होंने सरकारी अभिलेखों में अपने गुर्गों के नाम से दर्ज करा लिया था। जिसका खुलासा भूमाफिया के खिलाफ अभियान के दौरान पुलिस, प्रशासन और तहसील टीम ने संयुक्त जांच में किया है। यह टीम एक सप्ताह से माफियाओं और उनके गुर्गों के नाम से दर्ज जमीन और उनके अभिलेखों को खंगाल रही है। ज्यादातर जमीन यमुना और गंगा पार के अलावा शहर के आसपास धूमनगंज, करेली, फाफामऊ, झूंसी आदि इलाकों की है।

प्रदेश सरकार ने भूमाफिया के कब्जे से सरकारी और कमजोर वर्ग के लोगों की जमीन को मुक्त कराने के आदेश किए थे। सरकार के आदेश पर इस अभियान में डीएम और एसएसपी ने इस तरह की जमीन को चिह्नांकित करने के लिए टीम बना दी है। जिसमें तहसील के एस़डीएम, तहसीलदार और सीओ को शामिल किया गया है। इलाहाबाद में इसकी जांच की शुरुआत हुई है, जिसमें अकेले धूमनगंज, करेली और कैंट इलाके के 35 गांवों की 350 बीघा सरकारी जमीन इन माफिया के गुर्गों ने कब्जाने का खुलासा हुआ है। अभी तो अन्य तहसीलों में अभियान चल रहा है, जिसमें कई हजार बीघा जमीन एक सौ से अधिक माफिया के कब्जे में मिलने के आसार है।

इन तीन इलाकों के 35 गांवों में ग्राम पंचायत के छह तालाब, 22 पोखरों के अलावा बंजर, चरागाह और ग्रीन वेल्ट वाली जमीनें हैं। इनके अलावा नगर निगम और विकास प्राधिकरण की जमीन भी शामिल है। इन जमीनों को गुर्गों के नाम दर्ज कराने के लिए अभिलेखों में हेराफेरी की गई थी। फिलहाल अधिकारियों ने रिपोर्ट तैयार कर ली है। जिसके आधार पर एक सप्ताह के अंदर कार्रवाई की जाएगी।

पांच साल के दौरान कमजोर वर्ग के लोगों की जमीन पर अवैध कब्जों के आंकड़े तैयार किए जा रहे हैं। किस माफिया और उसके गुर्गों ने लोगों की जमीन पर कब्जे किए हैं, उनके  पुराने पत्र निकाल लिए गए हैं। उसी के बाद पीड़ितों से संपर्क कर उनकी जमीन को अवैध कब्जों से मुक्त कराने की थानावार कार्रवाई की जाएगी। प्राइवेट जमीन पर कब्जे का ब्योरा कंप्यूटराइज्ड किया जा रहा है। बुधवार को इलाहाबाद आए प्रमुख सचिव गृह ने माफियाओं के खिलाफ अब तक की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी थी। उन्होंने कहा था कि पूरे प्रदेश में माफिया और उनके गुर्गों की ओर से किए गए जमीन पर कब्जे का ब्योरा कंप्यूटराइज्ड कर आन लाइन किया जाएगा। जिससे यह पता चल सकेगा कि एक शहर का माफिया किन किन शहरों की जमीन पर कब्जा किए हुए हैं।


‘भूमाफिया का विस्तृत ब्योरा तैयार करने के साथ-साथ सरकारी और प्राइवेट जमीन को उनके कब्जे से मुक्त करने का अभियान चलाया जाएगा। जिसकी शुरुआत शहर के आसपास के इलाकों की बेशकीमती जमीनों को कब्जा मुक्त कराके की जा रही है।’
-आनंद कुलकर्णी, (एसएसपी)

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