नई दिल्ली। केंद्र सरकार मौजूदा विवादों के बीच जल्द कैबिनेट फेरबदल कर सकती है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि सुरेश प्रभु की इस्तीफ़े की पेशकश के बाद जल्दी होने वाले कैबिनेट फेरबदल में उनकी छुट्टी होगी. कैबिनेट में यह फेरबदल 25 अगस्त से दो सितंबर के बीच हो सकता है. इसकी वजह यह है कि तीन सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन को रवाना हो जाएंगे. इससे पहले 18 अगस्त से पहले कैबिनेट में फेरबदल की योजना थी, लेकिन जेडीयू के साथ गठबंधन को लेकर इसमें देरी हो रही है.
सूत्रों के मुताबिक मंत्रिपरिषद में करीब एक दर्जन फेरबदल हो सकते हैं. सूत्रों की मानें तो सरकार उनके इस्तीफ़े को रेल हादसों से जोड़कर नहीं दिखाना चाहती हैं बल्कि ऐसा शो करना चाहती हैं कि कैबिनेट फेरबदल में उनको हटाया हैं. वहीं रक्षा मंत्रालय जैसे अहम पद पर भी कैबिनेट फेरबदल के दौरान निगाहें होंगी.
इन मंत्रालय पर नजर
रेल हादसों के बाद अगर सुरेश प्रभु की रेल मंत्रालय से छुट्टी होती है, तो पीएम मोदी नितिन गडकरी को नया रेलमंत्री नियुक्त करेंगे. साथ ही रेल मंत्रालय के लिए सुपर परिवहन मंत्रालय की अवधारणा लाई जा सकती है. साल 2014 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद यह विचार आया था. हालांकि चीन विवाद की वजह से रक्षा मंत्रालय पर भी सबकी नजर होगी. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मोदी अरुण जेटली से कौन सा मंत्रालय वापस लेते हैं.
वैसे एक से ज्यादा महत्वपूर्ण मंत्रालय पहले भी एक व्यक्ति के हाथों में रह चुके हैं. हालांकि वे मंत्रालय आमतौर पर एक दूसरे से जुड़े होते हैं. फाइनेंस और कॉर्पोरेट अफेयर या फिर शिपिंग और रोड ट्रांसपोर्ट मंत्रालय का भार हो तो ज्यादा बड़ी बात नहीं होती, लेकिन वित्त, रक्षा जैसे महत्वपूर्ण और कपड़ा, सूचना-प्रसारण जैसे बेमेल विभाग एक ही मंत्री को दिया जाए तो जरूर सवाल उठाने का मौका मिलता है।
नए राज्यपालों के नामों की घोषणा संभव
कैबिनेट में फेरबदल के अलावा सरकार विभिन्न राज्यों के राज्यपाल के नामों की घोषणा कर सकती है, जिसमें तमिलनाडु और बिहार के राज्यपाल भी शामिल हैं. इसके अलावा कुछ मंत्रियों को साल 2019 के चुनाव के मद्देनजर पार्टी में भेजा जा सकता है. ये मंत्री उत्तर प्रदेश राज्य यूनिट पर विशेष ध्यान देंगे.
