जानिए हिंदू धर्म में ॐ का महत्त्व


कवरेज इण्डिया धर्म कर्म।
 ॐ" के जाप से होता है आत्मिक एवं शारीरिक लाभ :-
 ॐ" केवल एक पवित्र ध्वनि ही नहीं, अपितु अनंत शक्ति का प्रतीक है।

 ॐ अर्थात् ओउम् : तीन अक्षरों से बना है, जो सर्व विदित है ।

 अ उ म् 
 'अ" का अर्थ है आर्विभाव या उत्पन्न होना,
 "उ" का तात्पर्य है उठना, उड़ना अर्थात् विकास,
 "म" का मतलब है मौन हो जाना,  अर्थात्"ब्रह्मलीन" हो जाना ।
 ॐ सम्पूर्णब्रह्माण्ड की उत्पत्ति और पूरी सृष्टि का द्योतक है
 ॐ धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष इन चारों पुरुषार्थों का प्रदायक है।
 ॐ का जप कर कई साधकों ने अपने उद्देश्य की प्राप्ति कर ली।

 शुद्ध आसन पर पूर्व की ओर मुख कर एक हज़ार बार ॐ रूपी मंत्र का जाप करने से वर्तमान और भविष्य दोनों ही जीवन लक्ष्य की और अग्रसर होते है।

ॐ उच्चारण की विधि : --
 प्रातः उठकर पवित्र होकर ओंकारध्वनि का उच्चारण करें ।
 ॐ का उच्चारण पद्मासन, अर्धपद्मासन, सुखासन, वज्रासन में बैठकर कर इसका उच्चारण 11, 21, 51, 108, 1008 कितनी ही बार अपने समयानुसार कर सकते हैं, जाप या जप माला भी गिन सकते है ।
 ॐ जोर से बोल सकते हैं, धीरे-धीरे भी बोल सकते हैं।

 ॐ के उच्चारण से शारीरिक लाभ : -
1. अनेक बार ॐ का उच्चारण करने से पूरा शरीर तनाव-रहित हो जाता है।

2. अगर आपको घबराहट या अधीरता होती है तो ॐ का उच्चारण करें।

3. यह शरीर के विषैले तत्त्वों को दूर करता है, अर्थात तनाव के कारण पैदा होने वाले द्रव्यों पर नियंत्रण करता है।

4. यह हृदय और ख़ून के प्रवाह को संतुलित रखता है।

5. इससे पाचन शक्ति तेज़ होती है।

6. इससे शरीर में फिर से युवावस्था वाली स्फूर्ति का संचार होता है।

7. थकान से बचाने के लिए इससे उत्तम उपाय कुछ और नहीं।

8. नींद न आने की समस्या इससे कुछ ही समय में दूर हो जाती है, रात को सोते समय नींद आने तक मन में ॐ का जप करने से निश्चित नींद आएगी।

9. कुछ विशेष प्राणायाम के साथ इसे करने से फेफड़ों में मज़बूती आती है।

10. ॐ के पहले शब्द का उच्चारण करने से कंपन पैदा होती है,  इन कंपन से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और इसकी क्षमता बढ़ जाती है।

11. ॐ के दूसरे शब्द का उच्चारण करने से गले में कंपन पैदा होती है जो कि थायरायड ग्रंथी पर प्रभाव डालता है।

 जैन सिख बोद्ध और हिंदुत्व मान्य सभी धर्मों में ॐ का विशेष महत्व है ।
जब कभी भी आप कोई काम न कर रहे हों या यात्रा कर रहे हो या मन परेशान हो :--

चित को शांत करने की कोशिश करते हुए  इस अलोकिक पवित्र अक्षर ॐ का मन में उचारण करते रहे और देखे जीवन में चमत्कार!

इस अक्षर के उचारण से आपके आसपास धनात्मक उर्जा का निर्माण होता है, नकारात्मक उर्जा, बीमारी, दुःख, चिंता नष्ट हो कर आपका जीवन स्वर्ग बन जाता है।

मित्रों इसे जीवन में अवश्य अपनाए

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