ब्युरो रिपोर्ट कवरेज इण्डिया इलाहाबाद।
इलाहाबाद। गुरुवार को सपा कार्यकर्ताओं द्वारा पूरे शहर में उत्पात मचाने और सरकारी सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाने के जुर्म में योगी सरकार ने दर्जनों सपा समर्थकों को जेल भेज कर कहीं न कहीं ये मैसेज दिया है कि कानून से ऊपर कोई नहीं, कानून सबके लिए बराबर है। आपने अपराध किया है तो आपको सजा मिलेगी फिर चाहे आप कोई भी क्युं न हों!
भई ये ठीक नहीं... राहुल कहीं जाएं तो दिक्कत, न जाएं तो समस्या!
बता दें कि 17 अगस्त को इलाहाबाद में सपाइयों द्वारा सुभाष चौराहे, सिविल लाइंस बस स्टैंड आदि जगहों पर पूर्व सीएम अखिलेश यादव की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन किया गया था जिसमें सपा समर्थकों ने पूरे शहर में जमकर तांडव मचाया था और तीन सरकारी बसों को भी तोड़ डाला था साथ ही योगी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की थी।
अभी अभी: पूर्व सीएम अखिलेश की गिरफ्तारी से नाराज सपाइयों का इलाहाबाद में तांडव, कई बसें तोड़ी
मौके पर पहुंची सिविल लाइंस पुलिस ने जैसे तैसे उपद्रियों पर काबू पाया और कईयों को गिरफ्तार भी किया। बता दें कि इस सम्पूर्ण प्रकरण की विडियो फुटेज भी सोशल मीडिया पर जमकर चली।साथ ही 'कवरेज इण्डिया' ने भी इसे प्रमुखता से दिखाया था।
क्या भारत में राष्ट्र ध्वज से बड़ी हैसियत रखता है भाजपा का झंडा !
गिरफ्तार हुए उपद्रियों (सपा समर्थकों) को पुलिस सिविल लाइंस थाने लेकर आई और कार्यवाही शुरू की, पर अपेक्षानुसार इलाहाबाद के कई वरिष्ठ सपा नेता जिलाध्यक्ष सहित थाने पहुंच कर गिरफ्तार सपा समर्थकों को छुड़ाने की जुगत में लग गए पर एड़ी चोटी का जोर लगा देने के बाद भी समर्थकों को छुड़ाने में नाकाम रहे और कोर्ट द्वारा सभी उपद्रियों को जेल भेज दिया गया।
डॉ. कफील अहमद सारे हादसे का असली दोषी, हर खरीद में कमीशन लेता था कफील
