ममता बनर्जी मामले में राज्यपाल केशरी नाथ की सफाई, बोले ऐसा कुछ भी नहीं हुआ


कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी पर उन्हें फोन पर धमकाने का आरोप लगाया और कहा कि वह भाजपा के प्रखंड अध्यक्ष की तरह बर्ताव कर रहे हैं।

ममता ने कहा, मैं यहां किसी की दया पर नहीं हूं। उन्होंने जिस तरीके से मुझसे बातचीत की, एक बार तो मैंने (कुर्सी) छोड़ने की सोची। त्रिपाठी ने ममता के रूख और भाषा पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि हमारी बातचीत में ऐसा कुछ नहीं हुआ जिससे ममता बनर्जी को लगे कि उनकी बेइज्जती हुई या उन्हें धमकाया गया या उन्हें अपमानित किया गया।

इसमें कहा गया है कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को शांति तथा कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। इसमें कहा गया है, माननीय राज्यपाल राज्य के मामलों को लेकर मूक दर्शक नहीं बने रह सकते। दंगों की निंदा करते हुए ममता ने कहा, यह एक गंभीर मुद्दा है, मुझे इससे गंभीरता से निपटने दीजिए।

उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद और गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए थी। इस पर काबू पाने के लिए हम सोमवार रात जगे हुए थे। ममता ने कहा, केंद्र की सत्तारूढ पार्टी का एजेंडा है। उन्होंने लोगों की हत्या के लिए गौरक्षक समूह बनाया है।

उधर, राज्य पुलिस पर स्थिति को नियंत्रित करने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए भाजपा महासचिव एवं राज्य के पार्टी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने केंद्रीय गह मंत्री राजनाथ सिंह से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, 2000 से ज्यादा मुस्लिमों ने हिन्दू परिवारों पर हमला किया, कई स्थानों पर बम फेंके गए और हिन्दू बहन बेटियों से बलात्कार की भी सूचना है। भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने कहा है कि भाजपा के पांच कार्यालयों सहित कई मकानों को आग लगा दी गई।

ममता ने कहा, किसी ने फेसबुक पर कुछ आपत्तिजनक पोस्ट किया। उसे गिरफ्तार कर लिया गया। राज्य सरकार ने राज्य पुलिस की एक विशेष टीम को वहां भेजा है। उधर, दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एक धार्मिक स्थल के बारे में फेसबुक पोस्ट को लेकर कल शाम झड़प हुई थी। 

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