जरा ठहरिए, धीरे करिए, मैं कपड़े उतार रही हूं




बस चलाने के लिए कंडक्टर ने घंटी बजाई तो एक मधुर आवाज आई - 
जरा ठहरिए, धीरे करिए, मैं कपड़े उतार रही हूं।
बस फिर क्या था, बस में बैठे लोगों के दिल धड़कने लगे, सबने पीछे मुड़कर देखा
देखा को एक कपड़ा धोने वाली अपने कपड़ों की गठरी उतार रही है। :-)

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