Homeajab gajab जरा ठहरिए, धीरे करिए, मैं कपड़े उतार रही हूं byUnknown •May 29, 2017 • 2 min read 0 बस चलाने के लिए कंडक्टर ने घंटी बजाई तो एक मधुर आवाज आई - जरा ठहरिए, धीरे करिए, मैं कपड़े उतार रही हूं।बस फिर क्या था, बस में बैठे लोगों के दिल धड़कने लगे, सबने पीछे मुड़कर देखादेखा को एक कपड़ा धोने वाली अपने कपड़ों की गठरी उतार रही है। :-) Tags: ajab gajab 4.94 / 169 rates Facebook Tweet CopyLink Copied Share