एक नजर में देखिए सीएम योगी ने सपा सरकार की किन किन योजनाओं पर लगा दिया ब्रेक!



लखनऊ। उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी के विकास के लिए नए फैसले तो ले रहे है साथ ही पुरानी योजनाओं और नीतियों की समीक्षा भी की जा रही है। योगी आदित्यनाथ कुछ ऐसे निर्णय लिए हैं जिन्होंने सीधे तौर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सरकार के कुछ फैसलों और योजनाओं पर भी योगी सरकार ने ब्रेक लगा दिया है।



1-अखिलेश की तस्वीर वाले राशन कार्ड रद्द

योगी ने 3 करोड़ 40 लाख राशन कार्ड जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तस्वीरें थीं को रद्द करके अब नया कार्ड जारी करने का फैसला किया है जिस पर योगी की फोटो नही होगी लेकिन वो स्मार्ट कार्ड जैसे होंगेऔर इसमें चिप भी लगी होगी।

2समाजवादी आवास स्कीम बंद

अखिलेश यादव सरकार की प्रमुख समाजवादी आवास स्कीम को भी बंद कर दिया है. इसकी जगह राज्य में अब प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को अफोर्डेबल हाउस दिलाया जाएगा.।

3-समाजवादी पेंशन योजना पर ब्रेक

अखिलेश यादव की सबसे बड़ी योजना 'समाजवादी पेंशन योजना' पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है और इसके पात्रता की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।

4-पोषण मिशन कमेटी भंग

प्रदेश में मां और उसके तीन साल तक के बच्चों में कुपोषण की रोकथाम के लिए चलाई जा रही राज्य पोषण मिशन कमेटी का गठन किया था जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भंग कर दिया है। 2014 में गठित इस कमेटी की सदस्य अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव थीं. इस योजना के जरिए प्रदेश को कुपोषण मुक्त बनाने का दावा किया गया था।

5-वीआईपी शहरों की लिस्ट बदली

योगी सरकार ने यूपी के वीआईपी शहरों की लिस्ट भी बदल दी है. ताजा फैसले के मुताबिक इटावा, कन्नौज और आजमगढ़ की जगह गोरखपुर, मथुरा, अयोध्या और वाराणसी वीआईपी शहर होंगे। बता दें कि इटावा पूर्व सीएम अखिलेश यादव का गृह जिला है। जबकि कन्नौज अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव का संसदीय क्षेत्र है। जबकि आजमगढ़ मुलायम सिंह यादव का क्षेत्र है।

6-योजनाओं से समाजवादी शब्द हटाया

समाजवादी पार्टी के नाम से चल रही योजनाओं के नाम से समाजवादी शब्द हटाने का फैसला भी योगी सरकार ने किया। इन योजनाओं में अब समाजवादी की जगह मुख्यमंत्री शब्द जोड़ा जाएगा।

7-गोरखपुर पहुंचेगी मेट्रो

यूपी में मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत लखनऊ और कानपुर जैसे बड़े शहरों को ही चुना गया था लेकिन योगी आदित्यनाथ ने आगे बढ़ते हुए मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में गोरखपुर को शामिल करने का फैसला लिया है।

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