लखनऊ: योगी सरकार ने समाजवादी पेंशन योजना पर रोक लगाने का फैसला यूं ही नहीं लिया।इसमें हुए घोटालों की सच्चाई अब धीरे धीरे जगजाहिर होना शुरू हुई है। राजधानी में ही करीब साढ़े चार हजार से अधिक मामले पकड़े जा चुके हैं, जो अपात्र होने के बावजूद पेंशन पा रहे थे। सरकार ने फिर सर्वे कराया तो कई और अपात्र शिकंजे में होंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा सरकार की अतिमहत्वपूर्ण पेंशन योजना पर फिलहाल सर्वे सत्यापन करने की बात कहते हुए रोक लगा दी है। समाजवादी पेंशन योजना को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। गत सरकार पर यह भी आरोप लगे के केवल अपने कार्यकर्ताओं को खुश करने के लिए योजना है और मानक ताक पर रखकर लाभार्थी बनाए जा रहे हैं। सरकार के फैसले से राजधानी के भी पेंशनधारकों को झटका लगा है।
जिला समाज कल्याण अधिकारी केके मिश्र के अनुसार राजधानी में 84865 लोगों को समाजवादी पेंशन देने का लक्ष्य था जिसे शतप्रतिशत पूरा किया गया था। समाजवादी पेंशन योजना वर्ष 2014-15 से शुरू की गयी थी जिसके तहत लाभार्थियों को पांच सौ रुपये महीने दिया जाता है। अब तक विभाग सर्वे सत्यापन में 4476 अपात्रों को पकड़कर उनकी पेंशन पर रोक लगा चुका है।
मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत शर्मा का कहना है कि पेंशन के मामले में जब भी शिकायत आती है उसका तत्काल सत्यापन कराया जाता है। अगर कहीं पर भी अपात्र को पेंशन मिलती पाई जाती है तो कार्रवाई भी होती है। दूसरी पेंशन योजनाओं में भी समय-सयम पर अलग-अलग स्तर से जांच होती रहती है।
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