अखंड प्रताप यादव।
बसपा की सबसे बड़ी कमी है कि बसपा सुप्रीमो मायावती जी कृत्रिम नेता हैं न कि प्राकृतिक अगर मायावती मैडम के पास पांच प्रतिशत भी राजनीतिक समझ होती तो सत्ता में रहते हुए वो बसपा के चार पांच और अनुषांगिक संगठन बना लेती ताकि सत्ता में न रहने पर भी संगठन में सक्रियता बनी रहे भाजपा कांग्रेस सपा जैसे संगठन की मुख्य ताकत यही अनुषांगिक संगठन है मगर मायावती ने अपना कद बढाने के चक्कर में उत्तरप्रदेश में किसी अन्य दलित संगठन को विकसित नहीं होने दिया और जो दो चार गैर राजनीतिक गुमनाम टाइप के दलित संगठन जैसे कि वामसेफ , बिरसा मुंडा सेना जैसे है भी उनके कर्ता धर्ता तो मनुवाद और महिषासुर को मउसा बनाने की दंतकथाओं में ही दलित उत्थान के रहस्य खोजने में खुद भी परेसान रहते हैं और बसपा की नीव भी कमजोर करते रहते हैं दलित चेतना का मतलब सवर्ण का अपमान नहीं होता है मगर दुर्भाग्य से दलित नेताओं का चिंतन इसके आगे न तो विकसित है और ना ही वो करना चाहते हैं तुलनात्मक रूप से हमको सपा बसपा की तुलना में बसपा , सौ गुना बेहतर लगती है क्योकी मायावती की सबसे बड़ी खासियत है कि वो अपने सरकार में किसी को गुंडा नहीं बनने देती इसलिए हम नहीं चाहते कि बसपा कमजोर हो अलबत्ता सपा स्वाहा हो जाए तो ज्यादा अच्छा होगा ।
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