योगी जी आज भी 'कैराना' में बिना लाइसेंस के प्रतिदिन काटे जा रहे हैं सैकड़ों पशु



शामली. जनपद के कस्बा कैराना में स्थित मीट प्लांट की लाइसेंस की समय अवधि समाप्त होने के बावजूद भी पशुओं का अवैध कटान धड़ल्ले से चल रहा है। वहीं प्रतिबंधित पशुओं के कटान के बाद निकलने वाले ब्लड को जमीन पर बहा दिए जाने तथा हड्डी-चर्बियों की गलन से प्लांट में लगी प्रदूषित चिमनी से फैल रहे वायु व प्रदूषण से क्षेत्रवासी बेहद परेशान हैं। आरोप है कि मीट प्लांट के संचालन से नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में दर्जनों मौत हो चुकी हैं। प्लांट से दिनों-दिन प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। जनपद के कैराना कस्बे में कांधला रोड पर स्थित मीम एग्रो फूड्स प्राईवेट लिमिटेड (मीट प्लांट) प्रतिबंधित पशुओं के अवैध कटान को लेकर शुरू से ही चर्चाओं में रहा है। प्लांट में दुधारू व गर्भवती भैंसों के अलावा छोटे-छोटे बच्चों के कटान का भी आरोप लगता रहा है। यहां बड़े पैमाने पर पशुओं की हड्डियों तथा चर्बी का भंडारण कर उन्हें गलाने से निकलने वाली प्रदूषित चिमनी से वायु व प्रदूषण की समस्या और भी गहरा दी है। आलम यह है कि नगर की आधी आबादी ही नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र भी इससे प्रभावित हैं।

दर्जनों लोगों की हो चुकी मौत
क्षेत्रवासियों का आरोप है कि फैक्ट्री में दबंग संचालक द्वारा अवैध कटान कराकर पशुओं के ब्लड को पाइपों के जरिए जमीन के भीतर उतार दिए जाने से गांव जहानपुरा आदि गांवों का भू-गर्भ जल भी प्रदूषित हो गया है, जिसके प्रयोग से लोग गंभीर बीमारियों से दो-चार हैं। लोगों को शुद्ध पेयजल मयस्सर नहीं हो पा रहा है। यही नहीं, दर्जनों लोग तो मौत के आगोश में समा चुके हैं।

दो दिन पूर्व उक्त मीट फैक्ट्री में पशुधन टीम ने की थी छापेमारी
बता दें कि दो दिन पूर्व उक्त मीट फैक्ट्री में दिल्ली से पशुधन की एक टीम ने औचक निरीक्षण कर पालिका व प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मचा दिया था। घंटों तक टीम जांच-पड़ताल कर लौट गई थी। लोगों का यह भी आरोप है कि फैक्ट्री में 600 पशुओं के वध की सीमा निर्धारित है, लेकिन इसके बावजूद भी वहां पर हजारों की संख्या में पशुओं के कटान से दुर्गंध के कारण फैल रहे प्रदूषण में लोग सांस लेने को मजबूर हैं।

दिन-रात चल रहा है अवैध कटान
जाहिर है कि यदि मीट प्लांट का लाइसेंस की समय-सीमा पार हो चुकी है तो ऐसे में वहां पर अवैध कटान चल रहा है। इसे लेकर लोगों में भारी आक्रोश भी देखा जा रहा है। नगरवासियों का आरोप है कि फैक्ट्री में दिन ही नहीं, बल्कि रात में अधिकतर काम किया जा रहा है। ऐसे में क्षेत्र से चोरी होने वाले पशुओं के भी यहां कटान का अंदेशा बना हुआ है।

भाजपा के निशाने पर मीट फैक्ट्री बंदी की कवायद
पिछले दिनों भाजपा सांसद हुकुम सिंह ने अवैध बूचड़खानों से जलप्रदूषण तथा वातावरण प्रभावित होने का मुद्दा भी उठाया था। उन्होंने साफ कहा था कि लोगों को शुद्ध जल पीने को न मिलने के कारण संक्रामक रोगों से जूझना पड़ रहा है तथा कुछ लोग तो प्रदूषित पानी के चलते चल बसे हैं। बता दें कि सांसद हुकुम सिंह ने भी कहा था कि प्रदेश में भाजपा के सत्ता में आते ही इन बूचड़खानों को पूर्णतः बंद कराया जाएगा। उधर, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इन्हें कत्लखाने करार देते हुए बंद कराने की कवायद शुरु कर रखी है। इधर फैक्ट्री प्रबंधक तनवीर ने बताया कि हमारे यहां प्रतिबंधित दुधारू भैंस व गर्भवती भैंसों का कटान नहीं किया जाता है।


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