कवरेज इण्डिया विशेष।
एम पी तिवारी।
इलाहाबाद। सूबे की भाजपा सरकार अपनी साफ सुथरी छवि के लिए जानी जाता है और यही कारण भी है कि यहां पार्टी लगातार अच्छा प्रदर्शन करती जा रही है,फिर चाहे वो लोकसभा चुनावों की बात हो या फिर विधानसभा! परिणाम सब के सामने हैं।पर विधानसभा चुनाव 2017 में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रहे केशव मौर्य ने कुछ ऐसे चेहरों को पार्टी में जगह दी है जो मोदी लहर में तैरकर चुनावी बैतरणी तो पार कर गए पर जनता के दिलों में आज भी उनकी छवि दलबदलू नेता की ही है।आज 'कवरेज इण्डिया' अपने दर्शकों को इलाहाबाद के एक ऐसे ही नेता के बारे में बताने जा रहा है जिसे योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री की दर्जा मिला हुआ है।योगी सरकार में जगह बनाने वाले यह मंत्री हर पांच साल में पाला बदल लेते है। मंत्री जी की एक और भी खूबी है कि ये सत्ता परिवर्तन के साथ जहां भी लहर देखते हैं, बहती गंगा में डुबकी लगाने पहुंच जाते हैं। हाथी की सवारी से लेकर पंजे तक का सफर तय करने के बाद यह रसूखदार नेता अब भगवाधारी हो गया है। और जनाब के रसूख का असर तो देखिये योगी की सरकार बनते ही कैबिनेट मिनिस्टर भी बन गये हैं।
शायद आपने भी अंदाजा लगा लिया हो कि यह कोई और नहीं बल्कि 'नंदी' नाम विश्वास का हैश टैग वाले नंद गोपाल गुप्ता नंदी हैं। बसपा सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर की भूमिका निभा चुके नंदी अब सूबे की सियासत में फिर से उसी रुतबे के साथ भाजपा के साथ आये हैं।
सियासी सफर
नन्द गोपाल नन्दी ने आधिकारिक तौर पर अपने राजनैतिक कैरियर की शुरुआत बहुजन समाज पार्टी के साथ की और बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीतकर मंत्री बने। लेकिन बसपा सरकार की डूबती नाव से उतरे तो सपा की ओर बढे, लेकिन बात नहीं बनी। तब नंदी ने सीधे राहुल गांधी का हाथ थामा और कांग्रेसी बन गये। 2012 में कांग्रेस से चुनाव लड़े लेकिन हार गये। 2014 लोकसभा चुनाव भी लड़े और हार गये। तब तक इलाहाबाद के मेयर का चुनाव आ गया। नंदी ने पत्नी अभिलाषा को चुनाव लड़ाया और अभिलाषा मेयर बन गई। यूपी में फिर से 2017 के विधानसभा चुनाव का बिगुल बजा तो हाथ पांव चलाने के बाद सपा-कांग्रेस गठबंधन से नंदी को कोई सीट नहीं मिली। नंदी ने नामांकन के ठीक दो दिन पहले बीजेपी का दामन थामा और टिकट मिल गया । चुनाव लड़े जीते और अब केबिनेट मंत्री बन गये। यह दिलचस्प है कि हर विधानसभा चुनाव में पाला बदलकर नंदी चुनाव लड़े और दो बार शहर दक्षिणी से विधायक बने तो दोनो बार सीधे कैबिनेट मंत्री बन गये और
भाजपा दिग्गज को हराकर बन गये थे बसपा के स्टार
नंद गोपाल गुप्ता की साख रातोंरात तब चमक गई थी। जब इन्होंने भाजपा के कद्दावर नेता व मौजूदा पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी को विधानसभा चुनाव में हरा दिया था । बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले नंदी बसपा के स्टार बन गये और बहनजी ने नंदी को सीधे कैबिनेट मंत्री बना दिया था।
विरोध के बावजूद मिला टिकट
भाजपा में आने के बाद नंदी का सबसे ज्यादा विरोध हुआ। पदुम जायसवाल समेत कई नेताओ ने पार्टी छोड़ दी और सपा को समर्थन दे दिया। यहां तक कि नंदी के भाई ने भी साथ छोड़ दिया और बसपा ज्वॉइन कर ली । पार्टी कार्यकर्ताओं से लेकर संघ और विहिप करीबियों के दावेदारों को दरकिनार कर नन्दी को भाजपा ने टिकट दिया और इस सीट पर 2002 में केशरी नाथ त्रिपाठी के बाद नंदी ने ने आखिरकार कमल खिला दिया।
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