साझा पेंशन एकाउंट पर पड़ी शातिरों की नजर, सेवा निवृत्त के खाते से उडाए 4 लाख रूपये



हुगली : जहाँ एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सम्पूर्ण भारत को डिजिटलीकरण पद्धति एवं कैशलेस करने के लिए योजना बना रहे हैं वहीँ इन दिनों साइबर क्राइम की घटना में दिन प्रतिदिन वृद्धि हुई है. भोले भाले अनजान लोगों के बैंक एकाउंट से रूपये गबन करने की घट्नाये बढ़ती जा रही है. ताजा मामला प्रकाश में आया है. कोन्नगर के क्राइपर रोड इलाके के स्वपननीर अपार्टमेन्ट के ब्लाक बी के पांचवे माले पर रहने वाले डिफेन्स के सेवा निवृत्त प्रदीप कुमार रक्षित और उनकी पत्नी मिता रक्षित परिवार का. वृद्ध प्रदीप कुमार रक्षित ने बताया की दस वर्ष पहले वे डिफेन्स से रिटायर्ड हुए. उनकी पोस्टिंग मध्यप्रदेश के इंदौर में थी. उनके एक पुत्री थी जिसका विवाह उन्होंने दिल्ली में कर दिया. रिटायर्ड होने के बाद वे हुगली के कोन्नगर में एक अपार्टमेन्ट में खुद का फ्लैट लेकर रहने लगे. उन्होंने ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की कोन्नगर शाखा में अपना एक जॉइंट पेंशन एकाउंट खुलवाया जिसमे पिछले महीने तक उनके खाते में  4 लाख 10 हजार 119 रूपये थे. मार्च ०३ तारीख को जब वे अपनी धर्मपत्नी के साथ बैंक में पासबुक अपडेट करवाने गए तो उन्हें पता चला की उनके खाते में अब 11 हजार 60 रूपये शेष बचे है. यह देखकर उनके पैरों तले जमीं खिसक गयी. इस बात की शिकायत जब बैंक मेनेजर सी की तो उन्होंने उनके साथ अभद्र आचरण किया. और कहा की आप सबकुछ जानते है जाकर थाने  में रपट लिखवाइए. खाते में दिए गए स्टेटमेंट के अनुसार उनकी जमा पूंजी पर किसी ने डाका डाल दिया. बीते 21 फ़रवरी से 03 मार्च तक रोजाना ऑनलाइन लेनदेन करके उनके खाते में जमा पूंजी को उपयोग में लाया गया है. शातिरों ने फास्टटिकट, फ्लिप्कार्ट ,रीलोड डाट इन नामक विभिन्न ऑनलाइन शोपिंग पोर्टल से उनके एकाउंट से रकम का भुगतान करके शोपिंग कर ली. इतना सबकुछ कैसे हुआ इस बात से वृद्ध दंपति अनजान है. उसके कमाई और जीवन के सहारे जिसपर उनका घरखर्च चलता है उसकी रकम पर ठगों ने डाका डाल दिया. अपने आप को ठगा पाए जाने के बाद आखों में आसुओं का सैलाब लिए वृद्ध दंपति ने घटना की शिकायत थाने ने दर्ज करवा दी है. अब देखना यह होगा की पुलिस मामले को गंभीरता से लेते हुए असहाय वृद्धों की मदद कर पाती है या फिर उन्हें दर दर की ठौकरें खाने पर मजबूर होना पड़ेगा.


हमारे संबाददाता ने जब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ब्रांच मेनेजर सुधांशु विश्वास से बात कि तो उन्होंने मामले की लिखित शिकायत उन्हें दिए जाने से इंकार करते हुए बताया कि कुछ दिनों पहले एक दंपति इस तरह का मामला लेकर उनके पास आया था तो उन्होंने मामले की शिकायत थाने में दर्ज करवाने को कहा था. इस तरह के कई मामले पहले से शाखा में दर्ज है जिसकी जाँच चल रही है. ग्राहकों की लापरवाही के वजह् से ऑनलाइन ठगी का कारोबार करने वाले सक्रिय रहते है. जरा सी चुक होते है इस काम में लिप्त शातिर ग्राहकों के खाते से उनकी मेहनत की गाढ़ी कमाई साफ़ कर देते हैं. यह कोई पहला मामला नहीं है इस तरह के मामलों का शिकार देश भर में हजारों लोग है. 

बहरहाल जो भी हो देश में ऑनलाइन सिस्टम को बढ़ावा देने के जितनी भी कोशिश करे पर इनसे होने वाल नुकशान का सामना तो आम जनता को ही करना पड़ता है. बढ़ते साइबर क्राइम के अपराधों के बाबजूद पुलिस इनको पकड़ना तो दूर की बात इनतक पहुँच तक नहीं पाती. देश भर में यह लोग अपना जाल फैलाये बैठे हैं. यदि इनपर जल्द ही कोई ठोस कदम उठाते हुए रोक नहीं लगाई गयी तो वह दिन दूर नहीं जब भारत को कैशलेस बनाने का प्रधानमंत्री का सपना सिर्फ सपना ही रह जाएगा l

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